स्पिक मैके के कार्यक्रम में बोले मोदी, संगीत एक भारत श्रेष्ठ भारत के आदर्श को सशक्त कर रहा
स्पिक मैके के कार्यक्रम में बोले मोदी,
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्पिक मैके के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिए अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि आज आज संगीत क्षेत्र और भाषाओं से आगे जाकर 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के आदर्श को पहले से ज्यादा सशक्त कर रहा है। आज बंगाल में बैठा व्यक्ति इंटरनेट पर पंजाबी गाने सीख रहा है, पंजाब का युवा दक्षिण भारतीय संगीत सीख रहा है। लोग जो सीख रहे हैं उससे 130 करोड़ देशवासियों को जोड़ भी रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर अपनी रचनात्मकता से नए-नए संदेश भी पहुंचा रहे हैं, कोरोना के खिलाफ देश के अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
पीएम ने कहा कि हमारे गायकों, गीतकारों, कलाकारों ने देश का मनोबल बढ़ाने के लिए, देश को जागरूक करने के लिए, इस लड़ाई में जोश फूंकने के लिए एक रचनात्मक अभियान खड़ा कर दिया है। पीएम ने कहा कि हमने देखा कैसे 130 करोड़ लोग महामारी से मुकाबला करने के लिए पूरे देश में जोश भरने के लिए ताली बजाने, घंटियां और शंख बजाने के लिए एकजुट हो गए। जब समान सोच और भावना के साथ 130 करोड़ लोग एकजुट हो जाते हैं तो यह संगीत बन जाता है।
पीएम मोदी ने कहा, जिस तरह संगीत में एक सामंजस्य की जरूरत होती है, एक अनुशासन की जरूरत होती है, उसी तरह के सामंजस्य, संयम और अनुशासन से ही देश का प्रत्येक नागरिक आज इस महामारी से लड़ रहा है। कोई भी आपदा पड़ी हो, विपदा-विपत्ति रही हो, हर स्थिति में उत्सवों ने मानव सभ्यता को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद की है।
नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारे देश में तो हर मौसम के लिए, हर ऋतु के लिए अलग-अलग उत्सव, अलग अलग गीत, संगीत और लोकगीत रहे हैं। हमारे शास्त्रों में तो कहा गया है कि नाद के बिना गीत संगीत और स्वर सिद्ध नहीं होते और नादयोग के बिना ज्ञान और शिवत्व की प्राप्ति नहीं होती। इसलिए, हमारे यहां संगीत केवल अपने सुख का ही नहीं, बल्कि साधना और सेवा का भी माध्यम रहा है, संगीत की साधना, तपस्या का रूप रही है।