संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी का संबोधन, भाषण की बड़ी बातें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (26 सितंबर) संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में आम सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा के महत्व को लेकर की। उन्होंने दुनिया के लिए इसकी अहमियत पर बात की तो भारत की भूमिका पर बोलते हुए कहा कि अगले जनवरी से भारत सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभाएगा। पीएम ने महासभा में बदलाव को वक्त की जरूरत बताते हुए भारत की स्थायी सदस्यता के लिए भी जोर दिया। पीएम के भाषण की बड़ी बातें-
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- संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर भारत के 130 करोड़ से ज्यादा लोगों की तरफ से प्रत्येक सदस्य देश को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत को इस बात का बहुत गर्व है कि वो संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक देशों में से एक है।
- हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। यह हमारी संस्कृति, संस्कार और सोच का हिस्सा है। संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमेशा विश्व कल्याण को ही प्राथमिकता दी है।
- ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए। कितने ही आतंकी हमले हुए। इन युद्धों में, इन हमलों में, जो मारे गए, वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे।
- पिछले 8-9 महीने से विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली प्रतिक्रिया कहां है? संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में, व्यवस्थाओं में बदलाव आज समय की मांग है।
- महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की फार्मा इंडस्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं।
- विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं। भारत की वैक्सीन का उत्पादन और वैक्सीन वितरण क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी।
- भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के सुधारों को लेकर जो प्रक्रिया चल रही है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रक्रिया तार्किक अंत तक पहुंच पाएगी। आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसीजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा।
- एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक ऐसा देश, जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है, एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं।
- जिस देश ने वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है, जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है, उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा?
- भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती।
- आज दुनिया की सबसे बड़ी माइक्री फाइनेंसिंग स्कीम का सबसे ज्यादा लाभ भारत की महिलाएं ही उठा रही हैं। भारत उन देशों में से एक है, जहां महिलाओं को 26 हफ्तों की पेड मैटरनिटी लीव दी जा रही है।
- महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम आत्मनिर्भर भारत के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे।
- भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की योजना की शुरुआत की है।
- बीते 4-5 साल में 400 मिलियन से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना आसान नहीं था। लेकिन भारत ने ये करके दिखाया। सिर्फ 4-5 साल में 600 मिलियन लोगों को खुले में शौच से मुक्त करना आसान नहीं था। लेकिन भारत ने ये करके दिखाया।
- बीते कुछ वर्षों में, रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ भारत ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव लाने का काम किया है। ये अनुभव, विश्व के बहुत से देशों के लिए उतने ही उपयोगी हैं, जितने हमारे लिए।
- मुझे विश्वास है कि अपने 75वें वर्ष में संयुक्त राष्ट्र और सभी सदस्य देश इस महान संस्था कि प्रासंगिकता बनाएं रखने के लिए और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगे।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा का 75वां सत्र 15 सितंबर से चल रहा है। महासभा के इस (75वें) सत्र की आम चर्चा 22 सितंबर से शुरू हुई है, जो 29 सितंबर तक चलेगी। संयुक्त राष्ट्र ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर महासभा सत्र पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित करने का फैसला किया है। पहली बार विभिन्न देशों के नेता सत्र में शामिल होने न्यूयॉर्क नहीं गए हैं। सभी ने रिकॉर्ड किए गए अपने वीडियो वक्तव्य भेजे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रिकॉर्ड किए गए बयान के माध्यम से सत्र को संबोधित किया है।