मोदी की जीवनी लिखने वाले और पद्म पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात पत्रकार कामथ का निधन
मुंबई। वरिष्ठ पत्रकार और प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष एमवी कामथ नहीं रहे। उनका गुरुवार सुबह अपने पैतृक स्थान कर्नाटक के मणिपाल में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी लिखने वाले शुरुआती लेखकों में से थे। कामथ करीब एक दशक तक वाशिंगटन में 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के कॉरेसपोंडेंट भी रहे। उनके भतीजे जयराम कामथ ने यहां बताया कि उन्होंने सुबह करीब 6.30 बजे अंतिम सांस ली।
वर्ष 2004 में कामथ को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 40 किताबें लिखीं, जिनमें 'गांधी-अ स्पिरिचुअल जर्नी', 'रिपोर्टर एट लार्ज' और 'नरेंद्र मोदी-द आर्किटेक्ट ऑफ अ मॉर्डन स्टेट' शामिल हैं। उन्होंने मीडिया में अपना करियर मुंबई के एक दैनिक 'फ्री प्रेस जर्नल' से बतौर रिपोर्टर 1946 में की थी और बाद में इसके सांध्य दैनिक 'फ्री प्रेस बुलेटिन' के लिए काम किया। बाद में वह 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' से जुड़े और वर्ष 1967-69 के बीच 'द संडे टाइम्स' का संपादन किया। वह 10 साल तक वाशिंगटन में 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के कॉरेसपोंडेंट भी रहे।
मीडिया करियर के दौरान उन्होंने दिल्ली, वाशिंगटन, पेरिस, जेनेवा, न्यूयार्क तथा अन्य शहरों में काम किया। वर्ष 1981 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने मुंबई में रहने का फैसला किया और इस दौरान वह किताबें और विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में स्तंभ लिखते रहे। 15 दिन पहले तक उन्होंने लेखन कार्य किया था। कामथ को प्रसार भारती का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। निधन से पहले तक वह मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस के मानद अध्यक्ष एवं निदेशक रहे।
नरेन्द्र मोदी ने कामथ के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात पत्रकार एमवी कामथ के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि कामथ का निधन साहित्य एवं पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि बेहद प्रतिभाशाली लेखक और बेहरीन इंसान एमवी कामथ का निधन साहित्य और पत्रकारिता जगत के लिए क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। उन्होंने लिखा कि मुझे एमवी कामथ जी के साथ हुए कई संवाद याद आ रहे हैं। वे ज्ञान के भंडार थे, विनम्रता और शिष्टता से परिपूर्ण थे।
My
mind
goes
back
to
the
several
interactions
I
had
with
MV
Kamath
ji.
He
was
a
repository
of
knowledge,
always
full
of
humility
&
grace.
—
Narendra
Modi
(@narendramodi)
October
9,
2014
A
prolific
writer
&
fine
human
being,
Shri
MV
Kamath's
demise
is
a
loss
to
the
world
of
literature
&
journalism.
May
his
soul
rest
in
peace.
—
Narendra
Modi
(@narendramodi)
October
9,
2014