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कभी गहरे दोस्त थे पीएम मोदी और तोगड़िया लेकिन अब बन गए विरोधी, क्यों?

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अहमदाबाद। सोमवार को अचानक सियासी गलियारों में उस वक्त हड़बड़ी मच गई, जिस वक्त विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया अचानक लापता हो गए। अहमदाबाद से दिल्ली तक ये बात आग की तरह फैल गई कि तोगड़िया गायब हो गए हैं, हालांकि 11 घंटे के बाद वो शाम को बेहोशी की हालत में मिले। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तोगड़िया गुजरात स्थित अहमदाबाद के शाहीबाग इलाके में बेहोशी की हालत में मिले और उन्हें फौरन चंद्रमणि अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका शुगर लेवल काफी कम हो गया था जिसके चलते वो बेहोश हो गए थे। डॉक्टर ने कहा कि उनकी हालत फिलहाल पहले से अच्छी है।

पीएम मोदी और प्रवीण तोगड़िया की दोस्ती

पीएम मोदी और प्रवीण तोगड़िया की दोस्ती

इन 11 घंटों के दौरान कयासों का बाजार भी काफी गर्म रहा और बहुत सारे अतित तके पन्ने भी पलट दिए गए और उन्हीं पन्नों के एक अध्याय पर पीएम मोदी और प्रवीण तोगड़िया की दोस्ती का जिक्र भी था, जिसमें लिखा कि एक वो दौर था जब तोगड़िया और मोदी में काफी गहरी दोस्ती हुआ करती थी। दोनों एक ही स्कूटर से आरएसएस कार्यकर्ताओं से मिलने जाया करते थे।

 दोनों के रिश्तों में आई खटास

दोनों के रिश्तों में आई खटास

एक ही विचारधारा के दोनों लोगों ने काफी वक्त तक एक साथ संघ के लिए काम किया लेकिन दोनों के रिश्तों में खटास तब आ गई कि जब नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के सीएम बने। दोनों के विचार राजनीति की दहलीज पर अलग हो गए और यहीं से दोनों के बीच में मतभेद शुरू हो गए।

मोदी का उड़ाया था मजाक...

मोदी का उड़ाया था मजाक...

यह विवाद तब और बढ़ गया जब मोदी सरकार ने गांधीनगर में 200 मंदिरों को ढहा दिया और मोहम्मद अली जिन्ना पर लाल कृष्ण आडवाणी के बयान के बाद प्रदर्शन कर रहे वीएचपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया। यहीं से तोगड़िया ने मोदी का खुले तौर पर विरोध शुरू किया था, उन्होंने वर्ष 2011 में मुसलमानों के लिए 'सद्भावना' संदेश का काफी मजाक उड़ाया और कहा कि उन्होंने छवि बदलने के लिए 'हिंदुत्व' छवि का त्याग कर दिया है।

'नीचा दिखाने की' साजिश

'नीचा दिखाने की' साजिश

इसलिए जब तोगड़िया लापता हुए थे तो विहिप के कुछ नेताओं ने कहा कि तोगड़िया के खिलाफ साजिश रची जा रही है, उनके खिलाफ पिछले एक महीने से घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था जो राजनीति से प्रेरित और उन्हें 'नीचा दिखाने की' साजिश थी।

आरएसएस और बीजेपी की एक ही मंशा!

आरएसएस और बीजेपी की एक ही मंशा!

कुछ मीडिया सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि आरएसएस और बीजेपी दोनों ही चाहते थे कि वीएचपी तोगड़िया को मुक्त करे ताकि वे संघ के बैनर तले नए कार्यक्रम शुरू कर सकें। तोगड़िया ने इसका कड़ा विरोध किया था जिसके फलस्वरूप उनके खिलाफ पुराने मामलों में कार्रवाई तेज कर दी गई और उन्हें कई पुराने मामले में वारंट इशू हुए हैं, कहा जा रहा है कि उन्हें लेकर ही तोगड़िया पिछले काफी वक्त से तनाव में थे।

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English summary
Following Pravin Togadia’s sudden disappearance on Monday, the political circles were abuzz with talks of his strained relationship with PM Narendra Modi over the past 15 years.
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