निजीकरण को लेकर बोले पीएम मोदी- सरकार का काम बिजनेस करना नहीं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को निजीकरण के मुद्दे को लेकर एक वेबिनार को संबोधित किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने बजट में प्राइवेटाइजेशन से संबंधित ऐलानों को लेकर बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार मुद्रीकरण और आधुनिकीकरण के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं है, सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं। उनकी सरकार रणनीतिक क्षेत्र में कुछ सीमित संख्या में सरकारी उपक्रमों को छोड़कर बाकी क्षत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को प्रतिबद्ध है।
Recommended Video
#WATCH | Government's every decision related to asset monetisation and privatisation will help empower citizens of the country: PM Narendra Modi pic.twitter.com/twX5pZcOJa
— ANI (@ANI) February 24, 2021
इस साल बजट में निजीकरण की भूमिका पर दिया गया है ध्यान- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि, "कई सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम घाटे में चल रहे हैं और उनमें से कई को सार्वजनिक धन के समर्थन की आवश्यकता है। यह अर्थव्यवस्था पर बोझ डालता है।" इस दौरान पीएम मोदी ने देश में निजीकरण की आवश्यकता को दोहराते हुए कहा कि पब्लिक सेक्टर के उद्यमों को नहीं चलाया जाना चाहिए क्योंकि वे कई साल पहले शुरू किए गए थे और वो किसी के 'पेट प्रोजेक्ट' थे। साथ ही पीएम ने कहा कि इस साल बजट में भारत के विकास निजीकरण की भूमिका को खासा ध्यान में रखा गया है। पीएम ने कहा कि इन एसेट्स के मॉनिटाइजेशन से जो पैसा आएगा, उसे जनता के विकास में ही लगाया जाएगा, उस पैसे को जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए ही लगाया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का हर निर्णय संपत्ति विमुद्रीकरण और निजीकरण से संबंधित रहता है, जो नागरिकों को सशक्त बनाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री
ने
कहा
कि
50-60
साल
पहले
जो
नीति
अच्छी
थी,
उसमें
सुधार
की
हमेशा
गुंजाइश
है।
अब
जब
हम
सुधार
ला
रहे
हैं,
तो
हमारा
उद्देश्य
सार्वजनिक
रूप
से
धन
का
उपयोग
करना
है।
प्रधानमंत्री
ने
बजट
की
तारीफ
करते
हुए
कहा
कि
इस
बार
के
बजट
में
फिर
से
भारत
के
तेज
विकास
की
दिशा
में
आगे
बढ़ने
की
रूपरेखा
तैयार
की
गई
है।
पीएम
ने
कहा
कि
बजट
में
भारत
के
विकास
में
प्राइवेट
सेक्टर
की
मजबूत
साझेदारी
पर
भी
ध्यान
दिया
गया
है।
पब्लिक-प्राइवेट
भागीदारी
के
अवसर
और
लक्ष्यों
को
स्पष्ट
तौर
पर
सामने
रखा
गया
है।