मालदीव के राष्ट्रपति की इच्छा पर शपथ ग्रहण में शामिल हो सकते हैं पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के इस माह होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए माले जा सकते हैं। सोलिह 17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय में ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी के पद पर तैनात दिनेश पटनायक जब 24 से 26 अक्टूबर के बीच मालदीव में थे तो उन्हें यह संदेश दे दिया गया था कि सोलिह चाहते हैं कि पीएम मोदी उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हों। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है लेकिन मालदीव को भारत की तरफ से इस बात के सकारात्मक संकेत मिले हैं कि पीएम मोदी शपथ ग्रहण समारोह के लिए मालदीव जा सकते हैं।
पीएम मोदी की होगी पहली मालदीव यात्रा
सोलिह ने सितंबर में हुए चुनावों में भारी जीत दर्ज की और नाटकीय घटनाक्रम के बीच उन्होंने अब्दुल्ला यामीन को सत्ता से बाहर कर दिया। मालदीव में अब सत्ता नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के हाथ में होगी। यामीन, चीन के काफी बड़े समर्थक हैं और उनकी हार से भारत ने राहत की सांस ली थी।विशेषज्ञों की मानें तो यामीन के जाने के बाद मालदीव और दिल्ली के बीच जो दूरी पिछले कुछ समय से आई थी, वह अब कम हो सकती है। सोलिह से जुड़े सूत्रों की ओर से बताया गया है कि आधिकारिक निमंत्रण को राजनयिक जरिए से आगे बढ़ाया जा रहा है। पीएम मोदी अभी तक मालदीव के दौरे पर नहीं गए हैं। अगर वह शपथ ग्रहण के लिए जाते हैं तो यह उनका पहला दौरा होगा।
साल 2015 में कैंसिल किया दौरा
साल 2015 में पीएम मोदी मालदीव की यात्रा पर जाने वाले थे, लेकिन वहां पर चल रहे राजनीतिक संकट और विरोध प्रदर्शन के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी थी। उस समय मोहम्मद नशीद की गिरफ्तारी के कारण देश में तनाव की स्थिति थी। पीएम मोदी, सोलिह को जीत की बधाई देने वाले दुनिया के पहले नेता थे। पीएम मोदी के ऑफिस की तरफ इस बाबत एक बयान भी जारी किया गया था। पीएमओ की ओर से जारी इस बयान में कहा गया था, 'दोनों नेताओं ने भारत और मालदीव के बीच रिश्तों को मजबूत करने के और दोस्तान संबंधों की दिशा में साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया।' भारत की तरफ से मालदीव के चुनावों पर आधिकारिक बयान जारी कर इसे लोकतांत्रित शक्तियों की विजय करार दिया था।