कोरोना वायरस के खिलाफ यूपी ने अमेरिका से बेहतर लड़ाई लड़ी: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान के शुभारंभ के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने योगी आदित्याथ की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश कई देशों से बड़ा है, कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार के कामकाज को देखें तो हम कह सकते हैं कि प्रदेश में 85000 लोगों की जिंदगी को बचाया गया है। यही नहीं पीएम ने कहा कि यूपी ने कोरोना के खिलाफ अमेरिका से भी बेहतर लड़ाई लड़ी है।
दो
गज
की
दूरी
बहुत
जरूरी
पीएम
मोदी
ने
कहा
कि
हम
सभी
ने
अपने
व्यक्तिगत
जीवन
में
अनेक
उतार-चढ़ाव
देखे
हैं।
हमारे
सामाजिक
जीवन
में
भी,
गांव
में,
शहर
में,
अलग-अलग
तरह
की
कठिनाइयां
आती
ही
रहती
हैं।
इसकी
एक
दवाई
हमें
पता
है।
ये
दवाई
है
दो
गज
की
दूरी।
ये
दवाई
है-
मुंह
ढकना,
फेसकवर
या
गमछे
का
इस्तेमाल
करना।
जब
तक
कोरोना
की
वैक्सीन
नहीं
बनती,
हम
इसी
दवा
से
इसे
रोक
पाएंगे।
पीएम
ने
कहा
कि
मुझे
पूरा
विश्वास
है
कि
योगी
जी
के
नेतृत्व
में,
जिस
तरह
आपदा
को
अवसर
में
बदला
गया
है,
जिस
तरह
वो
जी-जान
से
जुटे
हैं,
देश
के
अन्य
राज्यों
को
भी
इस
योजना
से
बहुत
कुछ
सीखने
को
मिलेगा,
वो
भी
इससे
प्रेरणा
पाएंगे।
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यूपी
कई
देशों
से
बड़ा
आज
जब
दुनिया
में
कोरोना
का
इतना
बड़ा
संकट
है,
तब
उत्तर
प्रदेश
ने
जो
साहस
दिखाया,
जो
सूझबूझ
दिखाई,
जो
सफलता
पाई,
जिस
तरह
कोरोना
से
मोर्चा
लिया,
जिस
तरह
स्थितियों
को
संभाला,
वो
अभूतपूर्व
है,
प्रशंसनीय
है।
चाहे
यूपी
के
डॉक्टर
हों,
पैरामेडिकल
स्टाफ
हो,
सफाई
कर्मचारी
हों,
पुलिसकर्मी
हों,
आशा,
आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता
हो,
बैंक
और
पोस्टऑफिस
के
साथी
हों,
परिवहन
विभाग
के
साथी
हों,
श्रमिक
साथी
हों,
हर
किसी
ने
पूरी
निष्ठा
के
साथ
अपना
योगदान
दिया
है।
उत्तर
प्रदेश
के
प्रयास
और
उपलब्धियां
इसलिए
विराट
हैं,
क्योंकि
ये
सिर्फ
एक
राज्य
भर
नहीं
है,
बल्कि
उत्तर
प्रदेश
दुनिया
के
कई
देशों
से
बड़ा
राज्य
है।
इस
उपलब्धि
को
यूपी
के
लोग
खुद
महसूस
कर
रहे
हैं,
लेकिन
आप
अगर
आंकड़े
जानेंगे
तो
और
भी
हैरान
हो
जायेंगे।
हर
वर्ग
ने
किया
काम
चाहे
यूपी
के
डॉक्टर
हों,
पैरामेडिकल
स्टाफ
हो,
सफाई
कर्मचारी
हों,
पुलिसकर्मी
हों,
आशा,
आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता
हो,
बैंक
और
पोस्टऑफिस
के
साथी
हों,
परिवहन
विभाग
के
साथी
हों,
श्रमिक
साथी
हों,
हर
किसी
ने
पूरी
निष्ठा
के
साथ
अपना
योगदान
दिया
है।
उत्तर
प्रदेश
के
प्रयास
और
उपलब्धियां
इसलिए
विराट
हैं,
क्योंकि
ये
सिर्फ
एक
राज्य
भर
नहीं
है,
बल्कि
उत्तर
प्रदेश
दुनिया
के
कई
देशों
से
बड़ा
राज्य
है।
इस
उपलब्धि
को
यूपी
के
लोग
खुद
महसूस
कर
रहे
हैं,
लेकिन
आप
अगर
आंकड़े
जानेंगे
तो
और
भी
हैरान
हो
जायेंगे।
85000
लोगों
की
बचाई
जान
जो
मेहनत
यूपी
की
सरकार
ने
की
है,
हम
कह
सकते
हैं
कि
एक
प्रकार
से
अब
तक
कम
से
कम
85
हजार
लोगों
का
जीवन
बचाने
में
वो
कामयाब
हुई
है!
आज
अगर
हम
अपने
नागरिकों
का
जीवन
बचा
पा
रहे
हैं,
तो
ये
भी
बहुत
संतोष
की
बात
है।
ये
सब
उस
स्थिति
में
हुआ
जब
देशभर
से
करीब
30
लाख
से
अधिक
श्रमिक
साथी,
कामगार
साथी,
यूपी
में
पिछले
कुछ
हफ्तों
में
अपने
गांव
लौटे
थे।
सैकड़ों
श्रमिक
स्पेशल
ट्रेनों
को
चलवाकर
यूपी
सरकार
ने
मुश्किल
में
फंसे
अपने
लोगों
को
वापस
बुला
लिया
था।
ये
सब
उस
स्थिति
में
हुआ
जब
देशभर
से
करीब
30
लाख
से
अधिक
श्रमिक
साथी,
कामगार
साथी,
यूपी
में
पिछले
कुछ
हफ्तों
में
अपने
गांव
लौटे
थे।सैकड़ों
श्रमिक
स्पेशल
ट्रेनों
को
चलवाकर
यूपी
सरकार
ने
मुश्किल
में
फंसे
अपने
लोगों
को
वापस
बुला
लिया
था।
पहले
की
सरकार
होती
तो
आप
कल्पना
नहीं
कर
सकते
क्या
होता
यूपी
में
2017
से
पहले
जिस
तरह
का
शासन
चल
रहा
था,
जिस
तरह
की
सरकार
चला
करती
थी,
उस
हालात
में,
हम
इन
नतीजों
की
कल्पना
भी
नहीं
कर
सकते।
पहले
वाली
सरकारें
होतीं,
तो
अस्पतालों
की
संख्या
का
बहाना
बनाकर,
बिस्तरों
की
संख्या
का
बहाना
बनाकर,
इस
चुनौती
को
टाल
देती।
योगी
जी
ने,
उनकी
सरकार
ने,
हालात
की
गंभीरता
को
समझा।
उन्होंने
समझा
कि
इतने
बड़े-बड़े
देशों
की
क्या
हालत
हो
रही
है।
ये
देखते
हुए
उन्होंने
और
उनकी
सरकार
ने
युद्धस्तर
पर
काम
किया।
क्वारंटीन
सेंटर
हो,
आइसोलेशन
की
सुविधा
हो,
इसके
निर्माण
के
लिए
पूरी
ताकत
झोंक
दी
गई।
गरीबों
के
लिए
प्रतिबद्ध
सरकार
लॉकडाउन
के
दौरान,
गरीबों
को
भोजन
की
दिक्कत
न
हो,
इसके
लिए
जिस
तरह
योगी
सरकार
ने
काम
किया
है,
वो
भी
अभूतपूर्व
है।
प्रधानमंत्री
गरीब
कल्याण
अन्न
योजना
के
तहत
यूपी
ने
बहुत
तेज़ी
से
गरीबों
और
गांव
लौटे
श्रमिक
साथियों
तक
मुफ्त
राशन
पहुंचाया।
जिनके
पास
राशन
कार्ड
नहीं
था,
उनके
लिए
भी
यूपी
सरकार
ने
सरकारी
राशन
की
दुकान
के
दरवाजे
खोल
दिए।
इतना
ही
नहीं,
उत्तर
प्रदेश
के
सवा
तीन
करोड़
गरीब
महिलाओं
के
जनधन
खाते
में
लगभग
5
हजार
करोड़
रुपए
भी
सीधे
ट्रांफफर
किए
गए।
छोटे
उद्योगों-कृषि
को
बढ़ावा
भारत
को
आत्मनिर्भरता
के
रास्ते
पर
तेज़
गति
से
ले
जाने
का
अभियान
हो
या
फिर
गरीब
कल्याण
रोज़गार
अभियान
हो,
उत्तर
प्रदेश
यहां
भी
बहुत
आगे
चल
रहा
है।
गरीब
कल्याण
रोज़गार
अभियान
के
तहत
श्रमिकों
को
आय़
के
साधन
बढ़ाने
के
लिए
गांवों
में
अनेक
कार्य
शुरू
करवाए
जा
रहे
हैं।
इसमें
से
करीब
60
लाख
को
गांव
के
विकास
से
जुड़ी
योजनाओं
में
तो
करीब
40
लाख
को
छोटे
उद्योगों
यानि
MSMEs
में
रोज़गार
दिया
जा
रहा
है।
इसके
अलावा
स्वरोज़गार
के
लिए
हज़ारों
उद्यमियों
को
मुद्रा
योजना
के
तहत
करीब
10
हज़ार
करोड़
रुपए
का
ऋण
आबंटित
किया
गया
है।
सवा
करोड़
कामगारों
की,
कर्मचारियों
की
पहचान
करना,
30
लाख
से
ज्यादा
श्रमिकों
के
कौशल
का,
अनुभव
का
डेटा
तैयार
करना
और
उनके
रोज़गार
की
समुचित
व्यवस्था
करना,
ये
दिखाता
है
कि
उत्तर
प्रदेश
सरकार
की
तैयारी
कितनी
सघन
रही
है,
कितनी
व्यापक
रही
है।
किसानों
को
मिल
रहे
बेहतर
दाम
अब
आत्मनिर्भर
भारत
अभियान
के
तहत
जब
पूरे
देश
में
ऐसे
स्थानीय
उत्पादों
को
बढ़ावा
देने
के
लिए
उद्योगों
के
क्लस्टर
बनाए
जा
रहे
हैं,
तब
उत्तर
प्रदेश
को
बहुत
अधिक
लाभ
होगा।
अब
जो
3
कानून
केंद्र
सरकार
लेकर
आई
है,
उनसे
किसानों
को
मंडी
से
बाहर
भी
अपनी
उपज
बेचने
का
अधिकार
मिल
गया
है।
यानि
जहां
बेहतर
दाम
मिलेंगे,
वहां
किसान
अपना
सामान
बेचेगा।
दूसरा,
अब
किसान
अगर
चाहे
तो
अब
बुआई
के
समय
ही
अपनी
फसल
का
दाम
तय
कर
सकता
है।
इसके
अलावा
हमारे
पशुपालकों
के
लिए
अनेक
नए
कदम
उठाए
जा
रहे
हैं।
दो
दिन
पहले
ही
पशुपालकों
और
डेयरी
सेक्टर
के
लिए
15
हजार
करोड़
रुपए
का
एक
विशेष
इंफ्रास्ट्रक्चर
फंड
बनाया
गया
है।
प्रदेश
में
कनेक्टिविटी
बेहतर
हुई
बौद्ध
सर्किट
के
लिहाज़
से
अहम
कुशीनगर
एयरपोर्ट
को
इंटरनेशनल
एयरपोर्ट
घोषित
किया
गया
है।
इससे
पूर्वांचल
में
हवाई
कनेक्टिविटी
और
सशक्त
होगी
और
देश-विदेश
में
महात्मा
बुद्ध
पर
आस्था
रखने
वाले
करोड़ों
श्रद्धालु
अब
आसानी
से
उत्तर
प्रदेश
आ
सकेंगे।
सिर्फ
तीन
साल
में
यूपी
में
गरीबों
के
लिए
30
लाख
से
ज्यादा
पक्के
घर
बनाए
गए
हैं।
सिर्फ
तीन
साल
की
मेहनत
से
यूपी
ने
खुद
को
खुले
में
शौच
से
मुक्त
घोषित
किया
है।
सिर्फ
तीन
साल
में
पारदर्शी
तरीके
से
यूपी
ने
3
लाख
नौजवानों
को
सरकारी
नौकरी
दी
है।
बरसों
से
पूर्वांचल
में
इंसेफिलाइटिस
महामारी
की
तरह
कहर
बरपाती
थी।
अनेक
नवजात
शिशुओं
की
दुखद
मृत्यु
इस
बीमारी
से
हो
जाती
थी।
अब
यूपी
सरकार
के
प्रयासों
से,
इस
बीमारी
के
मरीजों
की
संख्या
तो
कम
हुई
ही
है,
मृत्यु
दर
में
भी
90
प्रतिशत
तक
की
कमी
आई
है।
यूपी में विकास
बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। नई सड़कों और एक्सप्रेसवे के निर्माण में यूपी आगे चल रहा है और सबसे बड़ी बात ये है कि आज उत्तर प्रदेश में शांति है, कानून का राज कायम हो रहा है। देखिए आज भी, जब अन्य राज्य कोरोना से लड़ाई में जूझ रहे हैं, यूपी ने अपने विकास के लिए इतनी बड़ी योजना शुरू कर दी है। एक प्रकार से आपदा से बने हर अवसर को यूपी साकार कर रहा है। एक बार फिर आप सभी को, रोज़गार के इन तमाम अवसरों के लिए बहुत-बहुत बधाई।
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