असम पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, बोले- आत्मनिर्भर भारत के लिए पूर्वोत्तर का विकास बहुत जरूरी
असम पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, जमीन के पट्टों का किया आंवटन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज (23 जनवरी) असम पहुंचे हैं। असम के शिवसागर जिले में आज प्रधानमंत्री ने एक लाख 60 हजार लोगों को जमीन के पट्टों का आवंटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि असम की हमारी सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। एक लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की एक बहुत बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।
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पीएम मोदी ने यहां कहा कि असम में जब हमारी सरकार बनी तो उस समय भी यहां करीब-करीब 6 लाख मूल निवासी परिवार, जिनके पास जमीन के कानूनी कागज नहीं थे। सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में यहां की सरकार ने आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया। आज असम के मूल निवासियों की भाषा, संस्कृति के संरक्षण के साथ भूमि से जुडे़ उनके अधिकारों को सुरक्षित करने पर जोर दिया जा रहा है। 2019 में बनाई गई नई भूमि नीति यहां की सरकार की प्रतिबद्धता दिखाती है।
हमारी सरकार असम के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। शिवसागर के महत्व को देखते हुए इसे देश की पांच सबसे आइकोनिक आर्कियोलॉजिकल साइट में शामिल करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, पांच साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुंची थी, जो अब करीब 100 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी कनेक्शन दिया गया है।
पीएम ने कहा, आत्मनिर्भर भारत के लिए नॉर्थ-ईस्ट का विकास आवश्यक है। आत्मनिर्भर असम का रास्ता असम के लोगों के आत्मविश्वास से होकर गुजरता है और आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब परिवार में सुविधाएं मिलती हैं, राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरता है। बीते सालों में असम में इन पर अभूतपूर्व काम हुआ।
पीएम मोदी ने कहा, ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए। अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी। असम में तेल और गैस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बीते वर्षों में 40 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है। गुवाहटी-बरौनी गैस पाइप लाइन से नॉर्थ ईस्ट और पूर्वी भारत की गैस कनेक्टिविटी मजबूत होने वाली है।
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