इस वजह से पीएम नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी नहीं लेंगे WEF की बैठक में हिस्सा
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी स्विट्जरलैंड के दाओस में वार्षिक विश्व इकॉनोमिक फोरम की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव के करीब आने होने की वजह से तमाम मंत्रालयों में जो काम बाकी पड़ा है उसे सरकार जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है, लिहाजा दाओस की बैठक में पीएम समेत तमाम मंत्री हिस्सा नहीं लेंगे। गौर करने वाली बात है कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद शुरुआती सेशन को संबोधित किया था।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के अलावा पिछली बार वित्त मंत्री अरुण जेटली, पियूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, सुरेश प्रभु समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस बार भी जेटली, प्रभु, प्रधान को कार्यक्रम में हिस्सा लेना था लेकिन वित्त मंत्री इस बार फोरम में इसलिए नहीं जा सके क्योंकि वह अमेरिका में अपना इलाज करा रहे हैं। वहीं तमाम अन्य मंत्री भी इस वजह से कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि चुनाव के नजदीक आने की वजह से तमाम लंबित कार्यक्रमों को पूरा करने का दबाव है।
पिछले वर्ष फोरम में दो सेशन पर भारत का मुख्य फोकस था, इन सेशन में राजनीतिक बदलाव, ढांचागत सुधार, तकनीकी अनुसंधान किस तरह से भारत की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर असर डाल रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने क्लाइमेट चेंज, आतंकवाद, वैश्वीकरण के खिलाफ अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि हमे इन तमाम मुद्दों पर एक साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है।
आपको बता दें कि इस बार फोरम की बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बाददल, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और सचिव रमेश अभिषेक हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और आईएमएफ के चीफ अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। साथ ही जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे जर्मनी की काउंसलर एंजेला मर्केल, नेपाल की पीएम केपी शर्मा, ब्राजीप के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो भी हिस्सा लेंगे।