आखिर क्यों प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं खींचे इस बच्चे के कान, हाथ जोड़े खड़े रहे...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्सर बच्चों के साथ बच्चा बनते देखा गया है। बच्चों के कान पकड़ना तो जैसे उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है। लेकिन हाल ही में वो एक ऐसे बच्चे से मिले जिसके उन्होंने कान नहीं खींचे, बल्कि उसके आगे हाथ जोड़ खड़े हो गए।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्सर बच्चों के साथ बच्चा बनते देखा गया है। कड़े फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री बच्चों के साथ एकदम नरम होते हैं। बच्चों के कान पकड़ना तो जैसे उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है। वो जिस भी देश जाते हैं और बच्चों से मिलते हैं तो उनके कान जरूर खींचते हैं। लेकिन हाल ही में वो एक ऐसे बच्चे से मिले जिसके उन्होंने कान नहीं खींचे, बल्कि उसके आगे हाथ जोड़ खड़े हो गए।
जापान से हुई थी इसकी शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी को बच्चों से काफी लगाव है और उससे ज्यादा लगाव उन्हें बच्चों के कानों से है। बच्चों के कान खींचने की शुरुआत प्रधानमंत्री ने अपने पहले जापान दौरे से की थी। वहां वो एक छोटे से बच्चे के कान खींचते नजर आए थे। फिर इसके बाद तो जैसे ये उनका फेवरेट पोज ही बन गया।
जब खींचे जस्टिन ट्रूडो की बेटी के कान
कभी वो कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की बेटी के कान खींचते नजर आए तो कभी बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार के बेटे के। लेकिन हाल ही में वो एक ऐसे बेटे से मिले जिसके उन्होंने कान नहीं खींचे। उल्टा, इस बच्चे के आगे तो मोदी खुद नतमस्तक हो गए। ये बच्चा और कोई नहीं बल्कि भूटान के नन्हें राजकुमार हैं।
मोदी ने की भूटान के शाही परिवार से मुलाकात
भूटान के राजा राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक अपनी पत्नी रानी जेटसन पेमा वांगचुक और बेटे प्रिंस ग्यालसे के साथ चार दिवस की भारत यात्रा पर आए हैं। इस मौके पर शाही परिवार ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इसका मुख्य केंद्र नन्हें राजकुमार ही रहे। नन्हे राजकुमार ने आते ही प्रधानमंत्री को हाथ जोड़कर नमस्ते किया।
हाथ जोड़कर खड़े हो गए नन्हें राजकुमार
राजकुमार की इस प्यारे अभिवादन का प्रधानमंत्री ने भी वैसे ही जवाब दिया। और इसलिए मोदी राजकुमार के कान खींचने से चूक गए। पीएम मोदी ने राजकुमार को फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप की एक फुटबॉल और शतरंज तोहफे में दिया।
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