मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, बोले- उन्होंने हमेशा भाईचारे के लिए काम किया
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। मंगलवार देर रात मौलाना कल्बे सादिक का लखनऊ में निधन हो गया था। बुधवार दोपहर नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे मौलाना कल्बे सादिक के निधन से अत्यंत दुख हुआ। उन्होंने सामाजिक सद्भावना और भाईचारे के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए। उनके परिजनों और चाहने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है।
जाने-माने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक का लखनऊ के अस्पताल में मंगलवार रात करीब 10 बजे निधन हो गया था। वह 83 वर्ष के थे। मौलाना कैंसर, गंभीर निमोनिया समेत कई बीमारियों से जूझ रहे थे और पिछले करीब डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थे। एक हफ्ते पहले उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी। जिसके बाद उनको आईसीयू में शिफ्ट किया गया था, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। मंगलवार को उनकी सेहत और भी बिगड़ गई और देर रात उन्होंने आखिरी सांस ली।
मौलाना कल्बे सादिक और उनके परिवार की पहचान शियाओं के बेहद प्रभावी धार्मिक लीडर की रही है। मौलाना कल्बे सादिक के पिता मौलाना कल्बे हुसैन और उनके भाई मौलाना कल्बे आबिद भी शिया मुसलमानों पर मजबूत पकड़ रखते थे। मौलाना कल्बे सादिक ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से अरबी में पीएचडी की थी। मौलाना कल्बे सादिक दुनिया भर में अपनी उदारवादी छवि के लिए जाने जाते थे। मौलाना कल्बे सादिक पूरी ज़िंदगी शिक्षा को बढ़ावा देने और रूढ़िवादी परंपराओं के खात्मे के लिए कोशिश करते रहे। मौलाना ने शिया-सुन्नी एकता पर भी बहुत जोर दिया। उन्होंने शिया-सुन्नी लोगों को एक साथ नमाज भी पढ़ाई थी।
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