नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को तैयार करने वाली, मातृभाषा में पढ़ाई आसान: PM मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई शिक्षा नीति पर ई-कॉन्क्लेव को संबोधित किया। शुक्रवार सुबह 11 बजे पीएम मोदी नई शिक्षा नीति के फायदों पर बोलते हुए कहा कि तीन-चार साल के विचार-मंथन के बाद नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिली है, आज इस नीति का कोई विरोध नहीं कर रहा है, क्योंकि इसमें कुछ भी एक तरफा नहीं है। आपको बता दें कि कॉन्क्लेव में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ढांच तैयार करने वाले डॉ. कस्तूरीरंगन और उनकी टीम, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और जानेमाने शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया।
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'नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को तैयार करने वाली'
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा एजुकेशन सिस्टम वर्षों से पुराने ढर्रे पर चल रहा था जिसके कारण नई सोच, नई ऊर्जा को बढ़ावा नहीं मिल सका था, हमारे एजुकेशन सिस्टम में लंबे समय से बड़े बदलाव नहीं हो रहे थे जिसके कारण नई सोच और सृजनता की जगह भेड़चाल को ही प्रोत्साहन मिलने रही थी जो कि सही नहीं था क्योंकि इससे स्वर्णिम भविष्य का निर्माण संभव नहीं था, पीएम ने कहा कि लोगों को बीच कभी डॉक्टर, कभी वकील, कभी इंजिनियर बनाने की होड़ लगी थी, दिलचस्पी, क्षमता और मांग की मैपिंग के बिना इस होड़ से छात्रों को बाहर निकालना जरूरी था, इस वजह से शिक्षा नीति में बदलाव जरूरी था।
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मातृभाषा में पढ़ाई करना आसान होता है: PM
पीएम मोदी ने मातृभाषा में पढ़ाई को लेकर कहा कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है। यह एक बहुत बड़ी वजह है, जिसकी वजह से जहां तक संभव हो पांचवीं क्लास तक बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाने पर सहमति दी गई है, इससे बच्चों की नींव तो मजबूत होगी है, उनके आगे की पढ़ाई के लिए भी उनका बेस और मजबूत होगा।'
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पीएम मोदी बोले-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भेड़चाल की जगह नहीं
पीएम ने कहा कि हर विद्यार्थी को ये अवसर मिलना ही चाहिए कि वो अपने पैशन को फॉलो करे, वो अपनी सुविधा के हिसाब से किसी डिग्री या कोर्स को फॉलो कर सके और अगर उसका मन करे तो वो छोड़ भी सके, हायर एजुकेशन को स्ट्रीम्स से मुक्त करने, मल्टिपल एंट्री और एग्जिट, क्रेडिट बैंक के पीछे यही सोच है, इस नीति में भेड़चाल की कोई जगह नहीं।
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Analysis based तरीकों पर जोर दिया जाए: पीएम मोदी
हम उस दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं जहां कोई व्यक्ति जीवन भर किसी एक प्रोफेशन में ही नहीं टिका रहेगा। इसके लिए उसे निरंतर खुद को रि-स्किल और अप-स्किल करते रहना होगा। हमारी कोशिश है कि बच्चों को सीखने के लिए Inquiry-based, Discovery-based, Discussion based, और analysis based तरीकों पर जोर दिया जाए।
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