100 साल के इतिहास में कॉर्पोरेट टैक्स सबसे कम, देशहित में झेलना पड़ता है लोगों का गुस्सा: PM मोदी
नई दिल्ली। देश में मचे नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। देश की अर्थव्यवस्था और जीएसटी पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि देश हित में हमारी सरकार को काफी गुस्सा झेलना पड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि आज देश में वो सरकार है जो किसान की भी सुनती है, मजदूर की भी सुनती है, व्यापारी की भी सुनती है और उद्योग जगत की भी सुनती है।
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ASSOCHAM ने पूरे किए 100 साल
बता दें कि शुक्रवार को पीएम मोदी ASSOCHAM के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे। पीएम मोदी ने ASSOCHAM को बधाई देते हुए कहा कि 100 वर्ष का अनुभव बहुत बड़ी पूंजी होता है। मैं ASSOCHAM के सभी सदस्यों को इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था पर भी बात की। उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की बात अचानक नहीं आई है। बीते 5 साल में देश ने खुद को इतना मजबूत किया है कि ऐसे लक्ष्य ऱखे भी जा सकते हैं और उन्हें प्राप्त भी किया जा सकता है।
PM Narendra Modi: I today want to assure those associated with banking sector and corporate sector, that we have been to an extent successful in controlling the earlier weaknesses. So take decisions,invest and spend without any hesitation. pic.twitter.com/LB8ht37ubB
— ANI (@ANI) December 20, 2019
5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था पर होती है सुगबुगाहट
पीएम ने आगे कहा कि, जब तक पूरा देश मिलकर लक्ष्य प्राप्त नहीं करता, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी जिम्मेदारी में सक्रियता नहीं लाता तो वो एक सरकारी कार्यक्रम बन जाता है। 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य जब मैंने सार्वजनिक रूप से कहा तो मुझे पता था कि सुगबुगाहट शुरु हो जाएगी, ऐसा भी कहा जाएगा कि भारत ऐसा नहीं कर सकता है। लेकिन आजकल अर्थव्यवस्था को गति देने वाले सभी समूह 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा तो करते हैं। हमारे देश में सामर्थ्य है, उस सामर्थ्य के भरोसे आगे बढ़ना है तो लक्ष्य, दिशा और मंजिल को जनसामान्य से जोड़ना ही चाहिये और मेरा यही प्रयास है।
अर्थव्यवस्था में इस्तेमाल किया आधुनिक टेक्नोलॉजी
हमने अर्थव्यवस्था के ज्यादातर आयामों को फॉर्मल व्यवस्था में लाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही हम अर्थव्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए Modernize और Speed Up करने की दिशा में भी आगे बढ़े हैं। उन्होंने आज देश में वो सरकार है जो किसान की भी सुनती है, मजदूर की भी सुनती है, व्यापारी की भी सुनती है और उद्योग जगत की भी सुनती है। उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास करती है और उनके सुझावों पर संवेदनशीलता से काम करती है।
PM Narendra Modi at ASSOCHAM annual conference: For bringing transparency,efficiency and accountability, we are moving towards faceless tax administration pic.twitter.com/b7BgmdUo5h
— ANI (@ANI) December 20, 2019
उद्योग जगत से पूछा ये सवाल
पीएम मोदी ने कहा कि क्या उद्योग जगत नहीं चाहता था कि देश में टैक्स का जाल कम हो। हर राज्य में अलग अलग दरों की परेशानी से उसे मुक्ति मिले। हम जीएसटी लाए। व्यापार जगत से जो भी फीडबैक मिला, हम जीएसटी में आवश्यक चीजें जोड़ते रहे। उसमें जरूरी परिवर्तन करते रहे। आज भारत दुनिया के उन TOP 10 देशों में शामिल है, जिसने इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में पिछले 3 वर्षों में लगातार सबसे अच्छा सुधार किया है। कॉर्पोरेट टैक्स कम करने, उसका प्रोसेस Simplify करने को लेकर भी बरसों से देश में तमाम चर्चाएं होती थी। देश में जितना कॉर्पोरेट टैक्स आज है, 100 साल के इतिहास में इतना कम टैक्स कभी नहीं रहा, ये काम भी हमारी सरकार ने किया है।