अमेरिका की यात्रा खत्म करके स्वदेश लौटे PM मोदी, '2014 के बाद दुनिया की नजरों में बढ़ा भारत का मान-सम्मान'
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी यात्रा खत्म करके वापस भारत आ गए हैं। शनिवार शाम को पालम एयरपोर्ट पहुंचने के बाद बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत दिल्ली के सातों सांसदों और सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया। एयरपोर्ट के बाहर पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं। आप इतनी बड़ी तादाद में हवाई अड्डे पर पहुंचे, स्वागत सत्कार किया, इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। आप सबके माध्यम से पूरे हिंदुस्तान के मेरे प्यारे भाई-बहनों को मैं सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं, 130 करोड़ देशवासियों का अभिनंदन करता हूं।
पीएम मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान टेक्सास के ह्यूस्टन में हाउडी मोदी समारोह को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने कई देशों के प्रमुखों से मुलाकात की और कई व्यापारिक बैठकों में हिस्सा लिया। उन्होंने कल यूएनजीए को संबोधित किया। अमेरिका से भारत लौटने पर पीएम मोदी ने कल से नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो रहा है। मैं देशवासियों को नवरात्रि की बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि साल 2014 में भी चुनाव जीतने के बाद मैं अमेरिका, यूएन की समिट में गया था और 2019 में भी गया। दुनिया की नजरों में भारत के प्रति मान-सम्मान और आदर बढ़ा है, इसका एक प्रमुख कारण 130 करोड़ हिंदुस्तानी हैं जिन्होंने अधिक मजबूती के साथ दोबारा सरकार बनाई है। इस अहमियत का एक एक विराट रूप मैंने इस बार अमेरिका में देखा है। विश्व भर में फैले हुए हमारे भारतीयों ने भी अपने-अपने देशों में उन देश के लोगों का प्यार हासिल किया है, यह भी भारत के गौरव को बढ़ाने वाला है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज 28 सितंबर है, तीन साल पहले इसी तारीख को मैं पूरी रात एक पल भी सोया नहीं था। पूरी रात जागता रहा था, हर पल टेलीफोन की घंटी कब बजेगी, इसी के इंतजार में था। उन्होंने कहा कि हाउडी मोदी ह्यूस्टन का वो समारोह, उसकी विशालयता और भव्यता, प्रेजिडेंट का वहां आना, दुनिया को हमारी दोस्ती का अहसास होना, वो तो सब है ही, लेकिन इतने कम समय में अमेरिका के हमारे भारतीय भाई-बहनों ने जिस शक्ति का प्रदर्शन किया उसकी वाहवाही हर तरफ थी। भारत किस तरह दुनिया का दिल जीत सकता है, ये मैंने अपनी आंखों से देखा है, खुद अनुभव किया है. मैं आज यहां से अमेरिका में रहने वाले अपने भाई-बहनों को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं।
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