PM Modi-Xi Jinping Meet: कश्मीर का जिक्र तक नहीं, पीएम मोदी को राष्ट्रपति जिनपिंग ने दिया चीन आने का न्यौता
चेन्नई। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच जो दूसरी इनफॉर्मल समिट शुरू हुई थी, 12 अक्टूबर को वह खत्म हो गई। इस पीएम मोदी ने शनिवार को कोवलम में जिनपिंग की ताज फिशरमैन कोव रिसॉर्ट में मेजबानी की। पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच इस दौरान करीब एक घंटे तक बाचतीत हुई। विदेश सचिव विजय गोखले की ओर से मोदी और जिनपिंग के बीच हुई वार्ता के बारे में मीडिया को जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया है कि दोनों नेताओं ने कश्मीर पर कोई भी वार्ता नहीं की है।
कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा
विदेश सचिव गोखले ने मीडिया को बताया, 'कश्मीर मुद्दे को न तो वार्ता के दौरान उठाया गया और न ही इस पर कोई चर्चा हुई है। हमारी स्थिति हमेशा से स्पष्ट रही है और कश्मीर हमारा आंतरिक मसला है।' विदेश सचिव के शब्दों में दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि आतंकवाद और चरमपंथ की चुनौती से निबटना बहुत अहम है। दुनिया में यह एक नए स्तर पर पहुंचता जा रहा है और स्थिति को और जटिल बना रहा है। उन्होंने बताया कि इस समिट का मकसद दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को कैसे बढ़ाया जाए, यह था। दोनों नेताओं के बीच इस पर रजामंदी बनी है कि भारत और चीन दोनों देशों की जनता को भी रिश्तों में शामिल किया जाना चाहिए। इस पर दोनों नेताओं के बीच आइडियाज साझा हुए हैं।
मोदी ने स्वीकार जिनपिंग का न्यौता
विदेश सचिव ने इस बात की जानकारी भी दी है कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने पीएम मोदी को अगली समिट के लिए चीन आने का निमंत्रण दिया है। पीएम मोदी ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उनकी इस चीन यात्रा की तारीखों के बारे में बाद में ऐलान किया जाएगा। राष्ट्रपति जिनपिंग ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात में मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को मिलने वाली सहूलियतों पर खासतौर पर चर्चा की। पीएम मोदी ने इस दौरान तमिलनाडु और चीन के फुजियान प्रांत के नागरिकों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने से जुड़े विचारों को साझा किया।