नागरिकता बिल पर तनाव के बीच पीएम मोदी ने किया ट्वीट, असम के लोगों को दिलाया भरोसा
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर उत्तरपूर्वी राज्यों असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में बिल के विरोध में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर यहां के लोगों को आश्वासन देते हुए कहा है कि उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार और मैं खण्ड 6 की भावना के अनुसार असमिया लोगों के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों को संवैधानिक रूप से संरक्षित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। बता दें ये बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है।
क्या है बिल?
इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है।
पहले 11 साल रहने पर नागरिकता दी जाती थी
गैर मुस्लिम समुदाय के लोग अगर एक साल से 6 साल तक भारत में शरणार्थी बनकर रहे हैं तो उन्हें भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। इससे पहले 11 साल रहने पर नागरिकता दी जाती थी। ये लोग अवैध तरीके से प्रवेश करने के बावजूद नागरिकता पाने के हकदार होंगे।
मुस्लिम शरणार्थी शामिल नहीं
साथ ही बिल में नागरिकता में मिलने के लिए जो बेस लाइन है, वह 31 दिसंबर, 2014 रखी गई है। यानी इस समय अवधि के बाद इन तीन देशों से आने वाले 6 समुदायों के लोगों को 6 साल तक भारत में रहने के बाद नागरिकता मिल जाएगी। हालांकि इसी बिल में तीन देशों से आए मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल नहीं किया गया है।
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