बजट से पहले पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की अहम बैठक, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
नई दिल्ली। इस साल के आम बजट के पेश होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश की मौजूदा आर्थिक स्थितियों को देखते हुए अर्थशास्त्रियों और अलग-अलग सेक्टरों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत की। यह बैठक नीति आयोग की ओर से आयोजित की गई थी। नीति आयोग की ओर से आयोजित सत्र में 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों और अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस सत्र का नाम आर्थिक नीति - द रोड अहेड' दिया गया था। इस बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे।
पीएमओ की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने मैक्रो अर्थव्यवस्था और रोजगार, कृषि और जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य के आर्थिक विषयों पर पांच अलग-अलग समूहों में अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर सभी प्रतिभागियों को उनके सुझावों और टिप्पणियों के लिए धन्यवाद दिया। जिन मुद्दों को लेकर के बैठक में चर्चा और प्रेजेंटेशन हुआ, उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, खेती और बेरोजगारी प्रमुख हैं। इसमें सरकार को सुझाव दिया गया कि कैसे वो इन पर आगे का रोडमैप तैयार कर सकती है।
हाल ही में जारी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 की चौथी तिमाही में विकास दर महज 5.8 प्रतिशत रही, जो 5 साल का न्यूनतम स्तर है। दूसरी ओर 2017-18 में बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले कार्यकाल में बेरोजगारी के मोर्चे पर सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि यह बजट से पहले हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को बजट पेश करेंगी। इस बैठक के बाद बजट में इसका असर देखने को मिल सकता है।
बैठक में पीएम के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन बिबेक देबरॉय, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरण, आईटीसी लिमिटेड सीईओ संजीव पुरी और वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल मौजूद थे।
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