भारत की सफलता से PM ने शुरू की 'मन की बात', इटली से बहुमूल्य धरोहर वापस आने पर जताई खुशी
नई दिल्ली, 27 फरवरी: इस महीने के आखिरी रविवार यानी 27 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए जनता के सामने कई बातें रखीं। कार्यक्रम की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने कहा कि इस एपिसोड में सबसे पहले वो भारत की सफलता का जिक्र करेंगे। इस महीने की शुरुआत में भारत, इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ है। ये धरोहर है अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिमा। ये मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया जी देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी, लेकिन अनेक प्रयासों के बाद अब भारत को ये प्रतिमा वापस मिल गई है।

पीएम ने कहा कि कुछ दिन पहले ही हमने मातृभाषा दिवस मनाया। मैं मातृभाषा के लिए यही कहूंगा कि जैसे हमारे जीवन को हमारी मां गढ़ती है, वैसे ही मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है। जैसे हम अपनी मां को नहीं छोड़ सकते वैसे ही अपनी मातृभाषा को भी नहीं छोड़ सकते। साल 2019 में हिन्दी दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर पर थी। इस बात का भी हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। भाषा केवल अभिव्यक्ति का ही माध्यम नहीं है, बल्कि भाषा, समाज की संस्कृति और विरासत को भी सहेजने का काम करती है।
किली और नीमा का किया जिक्र
वहीं तंजानिया के भाई-बहन किली और नीमा पॉल सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। वहां पर वो भारतीय गानों पर लिप-सिंकिंग वीडियो बनाते हैं। पीएम मोदी ने मन की बात में उनका भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किली और नीमा की जोड़ी की तरह मैं सभी से, विशेष रूप से विभिन्न राज्यों के बच्चों से लोकप्रिय गीतों के लिप-सिंकिंग वीडियो बनाने का आग्रह करता हूं। हम 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' को फिर से परिभाषित करेंगे और भारतीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाएंगे। पीएम ने आगे कहा कि शिवरात्रि और होली नजदीक आ रहे हैं। मैं सभी से स्थानीय बाजारों से खरीदारी का आग्रह करता हूं। इन त्योहारों को धूमधाम से मनाएं लेकिन सतर्क रहना भी ना भूलें।
पीएम ने कहा कि कुछ दिन पहले मेरे मित्र और केन्या के पूर्व पीएम राइला ओडिंगा से बात हुई थी। इस दौरान उन्होंने अपनी बिटिया के बारे में बताया, उनकी बेटी को ब्रेन ट्यूमर हो गया था और इस वजह से उन्हें अपनी बेटी की सर्जरी करानी पड़ी। जिससे उसकी आंखों की रोशनी करीब-करीब चली गई। उन्होंने अपनी बेटी का इलाज दुनियाभर के बड़े अस्पतालों में कराया, लेकिन सफलता नहीं मिली। किसी ने उनको भारत में आयुर्वेद के इलाज के लिए आने के लिए सुझाव दिया। केरल के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में बेटी का इलाज करवाने से उनकी बेटी की आंखों की रोशनी काफी हद तक वापस लौट आई।
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उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है, ये दिन रमन इफेक्ट की खोज के लिए भी जाना जाता है। मैं सी.वी. रमन जी के साथ उन सभी वैज्ञानिकों को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। जिन्होंने हमारी वैज्ञानिक यात्रा को समृद्ध बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।