कांग्रेस से हारने के बावजूद भी इन राज्यों में कम नहीं हुई पीएम मोदी की लोकप्रियता
नई दिल्ली। 'मोदी है तो मुमकिन है'। पांच सालों में बहुत कुछ नहीं बदला है। 2014 की तरह ही 2019 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह नरेंद्र मोदी के करिश्में पर निर्भर है। इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (ITDIU) ने रिसर्च किया जिसमें सी-वोटर का डेटा प्रयोग किया गया है के मुताबिक राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद भी पीएम मोदी की लोकप्रियता पहले जैसे ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड राज्य में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं जिनकी कुल संतुष्टि 74 प्रतिशत है।
भले ही झारखंड में 29 अप्रैल को चौथे चरण से मतदान शुरू हो, लेकिन पीएम मोदी अपनी रैली सबसे पहले यहीं से शुरू करेंगे। आपको बता दें कि झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से, भाजपा ने 2014 में 12 सीटें जीतीं। शेष दो सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के पास चली गईं थीं। हैरानी की बात है कि अपने गृह राज्य गुजरात में, केवल 54.9 प्रतिशत उत्तरदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संतुष्ट थे, उन्होंने पीएम मोदी की लोकप्रियता पर समग्र रैंकिंग में राज्य को 9 वें स्थान पर रखा।
हालांकि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के तीन राज्यों से बीजेपी के लिए कुछ अच्छी खबरें आ रही हैं। यहां हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवा दी थी। पिछले साल विधानसभा चुनावों में भाजपा ने इन राज्यों को कांग्रेस के हाथों गंवा दिया था, लेकिन राज्यों में प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत लोकप्रियता अब भी बनी हुई है। इतना ही नहीं इस रिसर्च में यह भी जानने की कोशिश की कि पिछली लोकसभा के लिए चुने गए सांसद अपने-अपने क्षेत्र के लोगों को कितना संतुष्ट कर पाए हैं।
इस मामले में केरल सबसे आगे है। जबकि उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन निराशाजनक है। ITDIU के रिसर्च में 1 जनवरी से 18 मार्च 2019 के बीच देश के 543 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में 60 हजार लोगों से राय लेकर आंकड़ा तैयार किया गया। राज्यस्तर पर आंकड़ा तैयार करने के बाद केरल के लोग अपने सांसदों से संतुष्ट नजर आए। संतुष्टि चार्ट में केरल का स्कोर 44.4 फीसदी रहा और इस मामले में वह सबसे आगे रहा। केरल में 20 लोकसभा सीट हैं और 2014 के आम चुनाव में 20 में से 7 सीट कांग्रेस के खाते में गई थी जबकि शेष 13 सीटें वामदलों के गठबंधन के खाते में आई। केरल में एक चरण में ही मतदान होना है और यह मतदान 23 अप्रैल को होना है।
इसके अलावा 6 राज्य ऐसे हैं जो संतुष्टि चार्ट में 30-40 फीसदी के बीच में हैं। महाराष्ट्र (35.8%), तेलंगाना (35.7%), हरियाणा (34.5%), कर्नाटक (34.4%), पश्चिम बंगाल (34.3%) और असम (33.3%) शीर्ष 9 राज्यों में शामिल हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का स्थान 12वें नंबर पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय राज्य उत्तर प्रदेश में यह स्थिति बेहद अनुकूल नहीं है और वह संतुष्टि चार्ट में 20वें पायदान पर है। उत्तर प्रदेश के लोग अपने सांसदों के कामकाज से महज 8.2 फीसदी संतुष्ट हैं। और यह निचले से तीसरे नंबर पर है। यूपी से नीचे तमिलनाडु (1.5%) और पुड्डूचेरी (-4.1%) हैं। यही कारण है कि अपने सांसदों के खराब प्रदर्शन को देखते हुए बीजेपी यूपी में अपने कई सांसदों के टिकट काट रही है। अब तक वह 6 सांसदों के टिकट काट चुकी है।