शाहीन बाग को लेकर पीएम मोदी का विपक्ष पर शायराना तंज- '........साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं'
नई दिल्ली- लोकसभा में गुरुवार को पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देने के दौरान बिना नाम लिए दिल्ली के शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन का भी मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने विपक्षी नेताओं पर शायर दाग देहलवी की एक गजल से शेर लेकर निशाना साधने की कोशिश की है। पीएम मोदी ने शाहीन बाग का साफ जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने एक शेर के जरिए ये बताने की कोशिश की कि उसे किसका समर्थन मिल रहा है। पीएम मोदी ने एक शायर का हवाला देते हुए कहा-'खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं!! ये पब्लिक सब जानती है। समझती है'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को शाहीन बाग के प्रदर्शन में विपक्ष का हाथ बताने की ओर संकेत करते हुए जो शेर पढ़ा है, वह शायर दाग देहलवी के गजल में से लिया गया है। पीएम मोदी ने तो लोकसभा में सिर्फ उसकी ये लाइन पढ़ी- 'खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं!! लेकिन, वो पूरा गजल कुछ इस प्रकार है-
खूब
पर्दा
है
कि
चिलमन
से
लगे
बैठे
हैं
साफ
छुपते
भी
नहीं
सामने
आते
भी
नहीं
उज्र
आने
में
भी
है
और
बुलाते
भी
नहीं
बाइस-ए-तर्क-ए-मुलाकात
बताते
भी
नहीं
मुंतजिर
हैं
दम-ए-रुख्सत
कि
ये
मर
जाए
तो
जाएं
फिर
ये
एहसान
कि
हम
छोड़
के
जाते
भी
नहीं
सर
उठाओ
तो
सही
आख
मिलाओ
तो
सही
नश्शा-ए-मय
भी
नहीं
नींद
के
माते
भी
नहीं
क्या
कहा
फिर
तो
कहो
हम
नहीं
सुनते
तेरी
नहीं
सुनते
तो
हम
ऐसों
को
सुनाते
भी
नहीं
खूब
पर्दा
है
कि
चिलमन
से
लगे
बैठे
हैं
साफ
छुपते
भी
नहीं
सामने
आते
भी
नहीं
मुझ
से
लागर
तिरी
आंखों
में
खटकते
तो
रहे
तुझ
से
नाजुक
मिरी
नजरों
में
समाते
भी
नहीं
देखते
ही
मुझे
महफिल
में
ये
इरशाद
हुआ
कौन
बैठा
है
उसे
लोग
उठाते
भी
नहीं
हो
चुका
कत्अ
तअ'ल्लुक
तो
जफाएं
क्यूं
हों
जिन
को
मतलब
नहीं
रहता
वो
सताते
भी
नहीं
जीस्त
से
तंग
हो
ऐ
'दाग'
तो
जीते
क्यूं
हो
जान
प्यारी
भी
नहीं
जान
से
जाते
भी
नहीं।