पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मौजूदगी में पीएम मोदी ने दिया आतंकवाद पर कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित कांफ्रेंस, 'इस्लामिक हैरीटेज: प्रमोटिंग अंडरस्टैंडिंग एंड मॉडरेशन' में शिरकत की। यहां पर दोनों नेताओं ने इस्लाम पर अपने-अपने विचार रखे।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित कांफ्रेंस, 'इस्लामिक हैरीटेज: प्रमोटिंग अंडरस्टैंडिंग एंड मॉडरेशन' में शिरकत की। यहां पर दोनों नेताओं ने इस्लाम पर अपने-अपने विचार रखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंच से उन लोगों को कड़ा संदेश दिया जो धर्म के नाम पर आतंकवाद फैलाते हैं। दिलचस्प बात है कि इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के उच्चायुक्त भी कई इतिहासकारों और राजनयिकों के बीच मौजूद थे।पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जॉर्डन के किंग को भारत आने के लिए धन्यवाद अदा करके की। पीएम मोदी ने कहा कि उनका वतन और हमारा दोस्त देश जॉर्डन इतिहास की किताबों और धर्म के ग्रंथों में एक अमिट नाम है।
क्या कहा पीएम मोदी ने
पीएम मोदी ने कहा कि जॉर्डन एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है जहां से खुदा का पैगाम पैगम्बरों और संतों की आवाज बनकर दुनिया भर में गूंजा है। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं। यहां की आबोहवा में उन्होंने जिन्दगी पाई, सांस ली है, चाहे वह 2500 साल पहले भगवान बुद्ध हों या पिछली शताब्दी में महात्मा गांधी। अमन और मुहब्बत के पैगाम की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की मिट्टी से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिलीजुली परम्परा ने मानवमात्र की मूलभूत एकता का पैगाम दिया है।
मंदिर में जलता है दिया और मस्जिद में होती है इबादत
मानवमात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का दर्शन दिया है। भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है। पीएम ने कहा, 'हर भारतीय को अपनी विविधता की विशेषता पर गर्व है। अपनी विरासत की विविधता पर, और विविधता की विरासत पर। चाहे वह कोई ज़ुबान बोलता हो। चाहे वह मंदिर में दिया जलाता हो या मस्जिद में सज़दा करता हो, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद गाए।'
अपने ही धर्म का नुकसान कर रहे हैं लोग
पाकिस्तान के उच्चायुक्त की मौजूदगी में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर भी कड़ा संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा, 'हमारी विरासत और मूल्य, हमारे मजहबों का पैगाम और उनके उसूल वह ताकत हैं जिनके बल पर हम हिंसा और दहशतगर्दी जैसी चुनौतियों से पार पा सकते हैं। इंसानियत के खिलाफ दरिंदगी का हमला करने वाले शायद यह नहीं समझते कि नुकसान उस मजहब का होता है जिसके लिए खड़े होने का वो दावा करते हैं।'
धर्म कभी अमानवीय नहीं हो सकता
धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वालों पर भी पीएम मोदी ने हमला बोला। उन्होंने कहा, ' मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर पन्थ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही है। इसलिए, आज सबसे ज्यादा जरूरत ये है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें।' जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने कहा कि आजकल खबरों में धर्म के बारे में काफी ज्यादा ही बातें होती हैं और काफी सारी चीजें दिखाई जाती हैं। यहीं बातें लोगों को आपस में बांट रही हैं।
शक के साए में जी रही है दुनिया
किंग अब्दुल्ला के मुताबिक दुनिया भर में आज लोग शक के साए में जी रहे हैं और अलग-अलग संगठन इसका फायदा उठा रहे हैं। इस तरह की नफरत की सोच ईश्वर की बनाई हुई दुनिया को बांटती है और संघर्ष को जन्म देती है। जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने कहा कि उनका देश दुनिया में शांति के लिए प्रयास कर रहा है और बातचीत कर रहा है। हालांकि अलग-अलग देश और लोगों के साथ हम यह जिम्मेदारी साझा कर रहे हैं। जॉर्डन के सुल्तान की मानें तो आज हम उस मोड़ पर है जहां पर हम युवाओं को आतंकी संगठनों की ओर से दिए गए झूठे वादों के खतरे के बीच अकेले नहीं छोड़ सकते हैं। उनका कहना था कि समावेशन ही आज के समय में एकमात्र विकल्प है और एक सफल देश का निर्माण करने के लिए हमें इसकी सख्त जरूरत है। सिर्फ यही संघर्ष की स्थिति में हमारी रक्षा कर सकता है।