पीएम मोदी बोले, '1971 का इतिहास हमें कई दर्दनाक पलों की भी याद दिलाता'
1971 युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के परिवार को सम्मानित करने के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज एक विशेष दिन है।
नई दिल्ली। 1971 युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के परिवार को सम्मानित करने के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज एक विशेष दिन है। आज भारत तथा बांग्लादेश के शहीदों के प्राण बलिदान को स्मरण करने का दिन है। आज का दिन ऐतिहासिक है। बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए सभी भारतीय सैनिकों के परिवारों के लिए ये कभी न भूल पाने वाला क्षण है। यह मेरा परम सौभाग्य है कि इस समय 7 भारतीय शहीदों के परिवार यहां उपस्थित हैं। भारतीय सैनिको के बलिदानों के लिए मैं और पूरा देश सभी शहीदों को कोटि-कोटि नमन करते हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का जन्म जहां एक नई आशा का उदय था । वहीं 1971 का इतिहास हमें कई अत्यंत दर्दनाक पलों की भी याद दिलाता है। बांग्लादेश की जन्म गाथा असीम बलिदानों की गाथा है। उन्होंने कहा कि मुक्तियोद्धाओं के साथ साथ बांग्लादेश के लिए किये गए भारतीय फौज का संघर्ष और बलिदान को भी कोई नहीं भुला सकता। ऐसा करने में उनकी एक मात्र प्रेरणा थी, बांग्लादेश की जनता के प्रति उनका प्रेम, और बांग्लादेश के लोगों के सपनों के प्रति उनका सम्मान।
पीएम मोदी बोले कि 1971 में भारत की दिखाई ये इंसानियत पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि मेरा यह स्पष्ट मत है कि मेरे देश के साथ ही भारत का हर पड़ोसी देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो। स्वार्थी न बनकर हमने पूरे क्षेत्र का भला चाहा है। पर दुख की बात है कि इन दो विचार धाराओं के विपरीत भी दक्षिण एशिया में एक मानसिकता है। ऐसी सोच जिस का वैल्यू सिस्टम मानवता पर नहीं बल्कि हिंसा, आतिवाद तथा आतंक पर आधारित है । उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंध न सरकारों के मोहताज हैं और न ही सत्ता के। भारत और बांग्लादेश इसलिए साथ हैं, क्योंकि दोनों देशों के 140 करोड़ लोग साथ हैं। हम दुख-सुख के साथी हैं।