पीएम मोदी ने पहली बार किया स्वीकार, PDP के साथ गठबंधन 'महामिलावट' था
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में 2014 में भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी। लेकिन 2018 में बीजेपी ने महबूबा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार स्वीकारा है कि, जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन एक महामिलावट थी। उन्होंने कहा कि, पीडीपी के साथ गठबंधन एक गलत कदम था। उससे जो राजनीतिक नुकसान होना था वह हो गया। बता दें कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार ने चुनाव परिणाम आने के तीन महीने बाद 1 मार्च, 2015 को शपथ ली थी। एक साल से भी कम समय में मुफ्ती मोहम्मद सईद का 7 जनवरी 2016 को निधन हो गया, जब वह पद पर थे। मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के तुरंत बाद, भाजपा और पीडीपी के बीच मतभेद शुरू हो गए। इसके तीन महीने बाद 4 अप्रैल को महबूबा मुफ्ती ने राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
भाजपा ने सोचा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीडीपी से हाथ मिलाया जा सकता है
हिन्दी दैनिक अखबार 'हिन्दुस्तान' को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि, जब 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम आए, तो किसी के पास पूर्ण बहुमत नहीं था। तब भाजपा ने सोचा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीडीपी से हाथ मिलाया जा सकता है। उस समय भाजपा के पास बहुमत नहीं था और राज्य में कई महीनों से राज्यपाल शासन लगा हुआ था। उन चुनावों में 87 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में पीडीपी ने 28 सीटें, जबकि भाजपा ने 25 सीटें जीती थीं। नेशनल कांफ्रेंस 15 सीटें ही जीत सकी थी। जबकि कांग्रेस 12 पर ही सिमट गई थी।
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यह गठबंधन हमारी महामिलावट थी
पीएम मोदी ने कहा कि, उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद जीवित थे। उनसे वहां के लोगों की बात हुई। हमने खुलेआम कहा कि हम दो ध्रुव हैं। एक तरह से यह गठबंधन हमारी महामिलावट थी। क्योंकि लोकतांत्रिक मजबूरी में सरकार देनी थी, तो हमने न्यूनतम कार्यक्रम के साथ काम शुरू किया। मुफ्ती साहब अनुभवी थे उन्हें कोई दिक्कत नहीं आई। मुफ्ती साहब के जाने के बाद महबूबा के सामने पार्टी के अलावा अन्य दिक्कतें थीं। कई दिनों तक वह जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं थीं। बहुत देर में उन्होंने जिम्मेदारी ली।
आज जो महामिलावट दिख रही है वह भी हमारी महामिलावट थी
महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, हमारा कहना था कि स्थानीय चुनाव कराए जाएं, लेकिन वो तैयार नहीं थीं। कहती थीं कि खून-खराबा हो जाएगा। जब उन्होंने चुनाव नहीं कराए तो हमने छोड़ दिया। हमने विकास पर ध्यान दिया, कोशिश की। हमने पहले ही कहा कि आज जो महामिलावट दिख रही है वह भी हमारी महामिलावट थी और उससे जो राजनीतिक नुकसान होना था वह हो गया। बता दें कि, फरवरी में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों के महागठबंधन के लिए 'महामिलवत' शब्द का इस्तेमाल किया था।
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