नोटबंदी को लेकर सरकार के दावों की खुली पोल, देश को भारी नुकसान
नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी के बड़े-बड़े दावों की खुली पोल, देश का विकास दर पहुंचा नीचे, भारी आर्थिक नुकसान
नई दिल्ली। आर्थिक सर्वेक्षण के दुसरे भाग को पेश करते हुए जिस तरह से भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमनियम ने बताया की देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 प्रतिशत के करीब ही रहेगा, उसके बाद सरकार के उन तमाम दावों को बड़ा झटका लगा है जिसमें दावा किया जा रहा था कि भारत लगातार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह और रफ्तार पकड़ेगा। इसी साल फरवरी माह में प्रकाशित हुए आर्थिक सर्वेक्षण के पहले भाग में अरविंद सुब्रमनियम ने कहा था कि जीडीपी को 6.5 से 7.5 प्रतिशत बताया था। लेकिन अब उनका कहना है कि जीडीपी 7.5 प्रतिशत के मुकाबले 6.5 प्रतिशत के करीब ही रहेगी।
नोटबंदी के बाद हालात बदतर हुए
सुब्रमनियम का कहना है कि अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र में पिछले साल की शुरुआत से ही निष्क्रियता जैसे हालात आ गए थे लेकिन नोटबंदी के बाद उसका असर और भी गंभीर हो गया था। उनका यह भी कहना है कि यह कहना जल्दबाजी होगी की जीडीपी के आंकड़ों में बहुत जल्द कोई सुधार देखने को मिलने वाला है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था निरंतर कमजोर होती जा रही है जिससे निकल पाने में थोडा समय लग सकता है। उन्होंने बताया की आने वाले कुछ समय में महंगाई दर अपनी न्यूनतम सीमा से कम रहने वाली है जोकि अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
टेलीकॉम और पॉवर सेक्टर का हाल खस्ता
अरविंद
सुब्रमनियम
ने
कहा
कि
देश
का
टेलीकॉम
सेक्टर
और
पॉवर
सेक्टर
काफी
बुरे
दौर
से
गुजर
रहे
हैं
और
औद्योगिक
उत्पादन
भी
पिछले
चार
के
मुकाबले
सबसे
कम
हो
गया
है।
बैंकों
के
एनपीए
में
भी
इस
साल
बढ़ोतरी
देखने
को
मिली
है।
आर्थिक
सर्वेक्षण
जोकि
सरकार
खुद
प्रकाशित
करती
है,
से
मोदी
सरकार
के
विकास
के
ऊंचे-ऊंचे
दावों
की
हवा
निकल
गई
है।
नोटबंदी का असर लंबे समय तक रहेगा
नोटबंदी
के
दौरान
प्रधान
मंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
देश
की
जनता
से
सिर्फ़
50
दिन
की
परेशानी
झेलने
का
आग्रह
किया
था
मगर
अर्थव्यवस्था
के
इन
आंकड़ो
को
देखकर
लगता
है
कि
लोगों
को
अभी
काफी
लम्बे
समय
तक
तकलीफ
झेलनी
पड़
सकती
है।
वित्तीय
वर्ष
2015-16
में
देश
की
जीडीपी
दर
8
प्रतिशत
थी
जो
पिछले
वित्तीय
वर्ष
में
गिरकर
7.1
प्रतिशत
पर
आ
गई
थी
और
अब
इस
साल
वह
6.5
प्रतिशत
के
करीब
पहुंचने
वाली
है।
मनमोहन सिंह का दावा सही निकला
पूर्व
प्रधानमंत्री
मनमोहन
सिंह
ने
संसद
में
नोटबंदी
की
वजह
से
जीडीपी
दर
में
1
से
2
प्रतिशत
तक
की
गिरावट
आने
की
बात
की
थी।
उस
वक्त
उनकी
इस
बात
पर
काफी
हंगामा
भी
हुआ
था।
केंद्रीय
वित्त
राज्य
मंत्री
अर्जुन
सिंह
मेघवाल
ने
मनमोहन
सिंह
की
बात
का
खंडन
करते
हुए
कहा
था
कि
नोटबंदी
की
वजह
से
देश
की
जीडीपी
गिरने
की
बजाए
अगली
ही
तिमाही
में
2
प्रतिशत
से
बढ़
जाएगी।
उनका
कहना
था
कि
नोटबंदी
इतना
क्रांतिकारी
फैसला
है
कि
इससे
देश
की
जीडीपी
दर
10
प्रतिशत
तक
पहुंच
जाएगी।
1.50 लाख करोड़ का नुकसान
फरवरी में प्रकाशित हुए आर्थिक सर्वेक्षण के पहले भाग में जारी किए गए जीडीपी के आंकड़ों के बारे में कांग्रेस के सीनियर नेता जयपाल रेड्डी ने कहा था कि यदि भारत में देश की जीडीपी दर 1 प्रतिशत से कम होती है तो मौजूदा वक्त में देश के उत्पादन में कुल 1.50 लाख करोड़ रूपये तक का नुकसान होता है और जारी किए गए जीडीपी के आंकड़े इसी बात की तरफ इशारा कर रहे हैं।