पीएम मोदी ने लद्दाख में सेंट्रल यूनिवर्सिटी को दी मंजूरी, तिब्बत और दलाई लामा से होगा ये खास कनेक्शन
लेह। पांच अगस्त को लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के एक साल पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से राज्य को एक बड़ा तोहफा दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उस योजना को मंजूरी दे दी है जिसके तहत लद्दाख में एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। इस यूनवर्सिटी में बौद्ध अध्ययन से जुड़ा सेंटर भी होगा। इस योजना के लद्दाख के राज्य बनने के एक साल पूरा होने के मौके से कुछ ही दिनों मिला ग्रीन सिग्नल मिला है और अब इसे राज्य के विकास के लिए एक बड़ा कदम करार दिया जा रहा है।
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तिब्बत के बौद्ध अनुयायियों के लिए सेंटर
जिस सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है उसमें हर कोर्स में डिग्री की पढ़ाई की सुविधा होगी। आर्ट्स और बेस साइंस विषयों के सभी सब्जेक्ट यहां पर पढ़ाए जाएंगे। हालांकि अभी इंजीनियरिंग और मेडिकल एजुकेशन की व्यवस्था इस यूनिवर्सिटी में नहीं होगी। इस सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बौद्ध अध्ययन का भी एक सेंटर होगा। यह सेंटर खासतौर पर लद्दाख के गेलुग और काग्यू वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए खोला जाएगा। यह समुदाय लद्दाख की वह आबादी है जिसके लोग तिब्बती बौद्ध हैं। 14वें दलाई लामा गेलुग समुदाय से ही आते हैं। बताया जा रहा है कि अगर दोनों केंद्र शासित राज्यों का विकास करना है तो फिर आने वाले दिनों में कुछ खास प्रस्तावों को मंजूरी देनी होगी।
20 जुलाई को मिली मंजूरी
पीएम मोदी की तरफ से इस प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी 20 जुलाई को एक मीटिंग में मिली है। पीएम मोदी की तरफ से उन कदमों पर नजर दौड़ाई गई जिन्हें एक साल के अंदर सरकार की तरफ से उठाया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से प्राथमिकताओं की लिस्ट भी तैयार की गई है जिसके जरिए लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जा सकेगा। इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल और दूसरे टॉप ऑफिसर शामिल थे।
10,000 छात्रों को छोड़ना पड़ता है घर
लद्दाख के 10,000 छात्रों को हर साल पढ़ाई के लिए अपने घर से सैंकड़ों किलोमीटर दूर जाना पड़ता। इस बात को ध्यान में रखकर ही पीएम मोदी की तरफ से प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। लद्दाख की पहली यूनवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा भंग होने के बाद आई थी। यह यूनिवर्सिटी लद्दाख के कॉलेजों को एक जगह पर लेकर आता है। मानव संसाधन मंत्रालय के मुताबिक लद्दाख की सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मकसद हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीती जिले के छात्रों को भी बेहतर शिक्षा मुहैया कराना है। एक बार रोहतांग पास पर बनी टनल का उद्घाटन होने के बाद हिमाचल के छात्र भी आ सकेंगे।
शिक्षा मंत्रालय जुटा तैयारियों में
पिछले वर्ष पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया था। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस फैसले से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। साथ ही विकास के कदमों को बढ़ाया जा सकेगा। माना जा रहा है कि शिक्षा मंत्रालय जल्द ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए एक औपचारिक प्रस्ताव ला सकती है। इस प्रस्ताव को केंद्रीय बिल में बदलने की जरूरत होगी। केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे संसद में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।