राज्यसभा में दिखा पीएम मोदी का शायराना अंदाज़, इस शेर के जरिए आजाद पर कसा तंज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने अपने अभिभाषण में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने मशहूर शायर मिर्जा गालिब का शेर पढ़ते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद पर वार किया। इससे पहले लोकसभा में भी मराष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने शेर पढ़ा था। पीएम मोदी ने इस दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
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राज्यसभा में पीएम का दिखा शायराना अंदाज
पीएम मोदी ने राज्यसभा में मिर्जा गालिब की शायरी के जरिए गुलाम नबी आजाद पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आजाद साहब को धुंधला दिखाई देता है, शायद वह राजनैतिक चश्मे से सब कुछ देखते हैं। ग़ालिब ने ऐसे लोगों के लिए कुछ कहा था कि ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा, धूल चेहरे पे थी, आईना साफ करता रहा।
झारखंड में मॉब लिंचिंग का किया जिक्र
पीएम मोदी ने झारखंड में हुई मॉब लिचिंग का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना का दुख हमें भी है। लेकिन इसके लिए समूचे झारखंड को खड़ा करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हर हिंसा पर हमारा एक मानदंड हो. सबकी सुरक्षी की गारंटी हमारा दायित्व है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड में लिंचिंग की घटना से मुझे दुख हुआ। इससे दूसरों को भी दुख पहुंचा होगा। लेकिन कुछ लोगों ने राज्यसभा में झारखंड को लिंचिंग का हब कहा था, क्या यह सही है? वे एक प्रदेश का अपमान क्यों कर रहे हैं। एक मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पूरे झारखंड को बदनाम करने का अधिकार हमारे पास नहीं है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
लोकसभा में भी दिखा था शायराना अंदाज
पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि , मुझे कभी लगता है कि अगर 125 करोड़ देशवासियों के सपनों को अगर मुझे जीना है, तो मुझे छोटा सोचने का हक़ भी नहीं है, और इसलिए जब 'हौंसला बना लिया ऊंची उड़ान का, तो देखना फिजूल है कद आसमान का'। पीएम मोदी ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी अटल जी की सरकार की तारीफ की हो। उनकी छोड़ों नरसिम्हा राव जी की सरकार की तारीफ की हो।
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