सर्जिकल स्ट्राइक 2016: पीएम मोदी बोले, उस पूरी रात नहीं सो सका, बस फोन की घंटी का करता रहा इंतजार
नई दिल्ली। 28-29 सितंबर 2016 को आधी रात को इंडियन आर्मी ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को उरी आतंकी हमले का जवाब दिया था। इस मिलिट्री एक्शन के तीन वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री उस पल के बारे में बताया है और कहा कि वह उस पूरी रात सो नहीं सके थे। 18 सितंबर 2018 को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आर्मी बेस पर हुए हमले पर 19 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद सेना ने पीओके में बड़ी कार्रवाई की और आतंकियों के शिविरों को खत्म किया था।
हर पल कर रहा था फोन का इंतजार
पीएम मोदी शनिवार को रात अपने अमेरिका दौरे से लौटे हैं। यहां पर उनके स्वागत में कई लोग इकट्ठा हुए थे। इसी मौके पर उन्होंने इस सर्जिकल स्ट्राइक को याद किया। पीएम मोदी ने कहा, 'तीन वर्ष पहले 28 सितंबर का दिन था जब मैं पूरी रात सो नहीं सका था। मैं पूरी रात जाग रहा था। हर पल मैं इंतजार कर रहा था कि कब टेलीफोन की घंटी बजेगी।' उन्होंने आगे कहा, 'तीन साल पहले 28 सितंबर को हमारे बहादुर सैनिकों ने देश का मान और बढ़ा दिया था जब उन्होंने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को सफलता पूर्वक पूरा किया।' पीएम मोदी 74वीं यूनाइटेड नेशंस जनरल जनरल एसेंबली (उंगा) में हिस्सा लेकर लौटे हैं।
250 किलोमीटर के दायरे में ऑपरेशन
सर्जिकल स्ट्राइक में इंडियन आर्मी के स्पेशल कमांडोज, पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर के अंदर तक दाखिल हुए थे। इन कमांडोज ने आतंकवादियों के सात कैंप्स को तबाह कर दिया था। करीब 250 किलोमीटर के क्षेत्र में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था। इस सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान मिलिट्री के भी कुछ स्थानों को तबाह कर दिया था। इंडियन आर्मी के स्पेशल पैरा कमांडोज ने एलओसी पार जाकर आतंकी कैंपों पर हमला किया था और 40 आतंकियों को मार गिराया है।
खास कमांडोज ने दिया अंजाम
इंडियन आर्मी ने वर्ष 1966 में कमांडो यूनिट का गठन किया। वर्ष 1965 में जब भारत और पाकिस्तान जंग छिड़ी तो उत्तर भारत से इंफेंट्री यूनिट्स के जवानों को गार्ड्स की ब्रिगेट के मेजर मेघ सिंह की अगुवाई में खास तौर पर भेजा गया। इस ग्रुप की परफॉर्मेस को देखकर फैसला किया गया कि स्पेशल फोर्स का गठन अलग से किया जाएगा। इसके बाद एक खास बटालियन का गठन हुआ लेकिन पैराट्रूपिंग को कमांडो रणनीति का आंतरिक हिस्सा रख गया। इसके बाद इसे पैराशूट रेजीमेंट में ट्रांसफर कर दिया गया।