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कोरोना काल में PM मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर उठाए सवाल, स्थायी सीट के लिए ठोकी ताल

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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 75वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना काल के दौरान संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की भूमिका को लेकर भी बात की। साथ ही संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया और व्यवस्था में बदलाव की भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग को जोरदार तरीके से रखा।

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PM Modi

UN को आत्ममंथन की जरूरत- PM
पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि "आज पूरे विश्व समुदाय के सामने एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस संस्था का गठन तब की परिस्थितियों में हुआ था, उसका स्वरूप क्या आज भी प्रासंगिक है? अगर हम बीते 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन करें, तो अनेक उपलब्धियां दिखाई देती हैं। अनेक ऐसे उदाहरण भी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सामने गंभीर आत्ममंथन की आवश्यकता खड़ी करते हैं। "

संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया। कहा "ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए। कितने ही आतंकी हमलों ने खून की नदियां बहती रहीं। इन युद्धों में, इन हमलों में, जो मारे गए, वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे।"

संयुक्त राष्ट्र से पूछे सवाल
इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र से सवाल करते हुए कहा "वो लाखों मासूम बच्चे जिन्हें दुनिया पर छा जाना था, वो दुनिया छोड़कर चले गए। कितने ही लोगों को अपने जीवन भर की पूंजी गंवानी पड़ी, अपने सपनों का घर छोड़ना पड़ा। उस समय और आज भी, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास क्या पर्याप्त थे?"

पीएम मोदी ने कोरोना काल में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। पीएम ने कहा "पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पांस कहां है?"

स्थायी सीट के लिए रखी जोरदार तरीके से मांग
संस्था में बदलाव की बात उठाते हुए पीएम ने कहा "संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है। भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र के रिफॉर्म्स को लेकर जो प्रोसेस चल रहा है, उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रोसेस कभी तार्किक अंत तक पहुंच पाएगा। आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसीजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा।"

"एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक ऐसा देश, जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है, एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं। जिस देश ने वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है, जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है, उस देश को आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा?"

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English summary
pm modi questioned united nation role and demand permanent membership in security council
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