Parkash Purab: PM मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के साहस और बलिदान को किया याद
PM Modi pays tribute to Guru Gobind Singh on Parkash Purab: आज पूरा देश गुरु गोबिंद सिंह की जयंती 'प्रकाश पर्व' के रूप में मना रहा है, इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी गुरु गोबिंद सिंह को नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन न्यायसंगत और समावेशी समाज के निर्माण के लिए समर्पित था।
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एक निर्भयी योद्धा, कवि और दार्शनिक थे गुरु गोबिंद सिंह
उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि प्रकाश पर्व के पवित्र मौके पर मैं श्री गुरु गोबिंद सिंह को नमन करता हूं, उनका जीवन न्यायसंगत और समावेशी समाज के निर्माण के लिए समर्पित था। हम उनके साहस और बलिदान को भी याद करते हैं।
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राष्ट्रपति कोविंद ने भी गुरु गोबिंद सिंह को किया याद
तो वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी गुरु गोबिंद सिंह को याद करते हुए कहा है कि गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। उनका जीवन मानवता के लिए प्रेरक रहा है, समानता और समावेशिता का प्रचार किया। वह सिर्फ एक आध्यात्मिक आदर्श नहीं थे बल्कि एक ऐसे योद्धा थे जो सर्वोच्च बलिदान के सामने भी सिद्धांतों से खड़े थे।
सहनशीलता, मधुरता, सौम्यता से जीता दिल
आपको बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह एक आध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भयी योद्धा, कवि और दार्शनिक भी थे। गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया था, उन्होंने मुगलों के साथ 14 युद्ध लड़े।
दो बड़े पुत्र चमकौर की लड़ाई में शहीद हुए
उनके दो बड़े पुत्र चमकौर की लड़ाई में शहीद हुए तो दो छोटे पुत्र सरहिंद की दीवारों में जिंदा ही चिनवा दिए गए थे, जिसके लिए उन्हें 'सरबंसदानी' (सर्ववंशदानी) भी कहा जाता है, उन्होंने सदा प्रेम, एकता, भाईचारे का संदेश दिया। किसी ने गुरुजी का अहित करने की कोशिश भी की तो उन्होंने अपनी सहनशीलता, मधुरता, सौम्यता से उसे परास्त कर दिया।
गुरु गोबिंद सिंह के विचार
- आज भी किसी के जीवन को बदल सकते हैं... अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।
- जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
- मैं उन लोगों को पसंद करता हूं जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
- ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें। इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
- अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं, अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।
- जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।
- भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं। अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है। ईश्वर स्वयं क्षमाकर्ता है।