ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश तो राम मंदिर पर क्यों नहीं? पीएम मोदी ने दिया ये जवाब
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 के पहले इंटरव्यू में राम मंदिर निर्माण पर बड़ा बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश को दिए 95 मिनट के इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ऑर्डिनेंस के सवाल पर कहा, 'राम मंदिर पर अध्यादेश को लेकर केवल तभी विचार किया जा सकता है, जब कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।' मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद न केवल साधु-संत बल्कि बीजेपी के भीतर भी अध्यादेश को लेकर मांग जोर पकड़ रही थी।
राम मंदिर पर बीजेपी की भावनाओं से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब
ताजा इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अयोध्या मामले की सुनवाई में हो रही देरी के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, 'कानूनी प्रक्रिया धीमी हुई, क्योंकि कांग्रेस के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में रोड़े अटकाए।' पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम पहले ही बीजेपी के घोषणा पत्र में कह चुके हैं कि इस मुद्दे का समाधान संविधान के दायरे में रहकर ही निकाला जाएगा। प्रधानमंत्री ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए भावनाओं से जुड़ा मामला है।
न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद जो जिम्मेदारी होगी उसे निभाएंगे: पीएम मोदी
संघ परिवार पिछले कुछ समय से लगातार मंदिर निर्माण में देरी का मुद्दा उठा रहा है। यहां तक कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने की मांग कर चुकी है। बीजेपी में भी अध्यादेश लाने की मांग ने जोर पकड़ा, लेकिन पीएम मोदी के स्पष्टीकरण से यह बात अब साफ हो चली है कि 2019 चुनाव से पहले मोदी सरकार अध्यादेश नहीं लाने जा रही है। इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से सीधा सवाल पूछा गया- क्या सरकार राम मंदिर के लिए अध्यादेश पर विचार कर सकती है? इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'मामला सुप्रीम कोर्ट में है और संभवत: यह अंतिम चरण में है। कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिए। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार के तौर पर जो भी हमारी जिम्मेदारी होगी, हम उसके हिसाब से सभी प्रयास करने को तैयार हैं।'
ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश तो राम मंदिर पर क्यों नहीं? प्रधानमंत्री ने दिया ये जवाब
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी को सुनवाई होनी है। अदालत केस की सुनवाई रोजाना किए जाने के लिए याचिका लगाई गई है, जिसकी सुनवाई होनी है। प्रधानमंत्री से यह भी पूछा गया कि जब ट्रिपल तलाक के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है, तो राम मंदिर के लिए क्यों नहीं? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, 'ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के हिसाब से लाया गया।' ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा में पास हो चुका है और अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है।
कांग्रेस अपने वकीलों से कहे अयोध्या मामले की सुनवाई में बाधा न डालें: पीएम मोदी
राम मंदिर निर्माण पर कांग्रेस को घेरते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है कि पिछले 70 साल जो लोग सरकार में रहे, उन्होंने इस मुद्दे (अयोध्या) का समाधान रोकने का भरसक प्रयास किया।' पीएम मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा- बाधा नहीं पहुंचाई जानी चाहिए, न्यायिक प्रक्रिया को अपने हिसाब से चलने देना चाहिए। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'मैं कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि राष्ट्र में शांति के लिए वह अपने वकीलों से कहे कि इस मुद्दे (अयोध्या विवाद) की सुनवाई को कोर्ट में लटकाएं नहीं।'