पीएम मोदी 10 करोड़ लोगों को लिख रहे हैं खत, जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना 'आयुष्मान भारत योजना' की जानकारी देने के लिए 10 करोड़ लोगों को पत्र लिखेंगे। पीएम मोदी ने यह बड़ा कदम इसलिए उठाया है क्योंकि, योजना से लाभ पाने वालों को इसके बारे में अभी तक खास जानकारी नहीं है। इस योजना का हर एक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सरकार कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। इसकी सफलतता में सबसे बड़ी रुकावट उन्हीं लोगों को माना जा रहा है, जिनके लिए इसे शुरू किया गया।
मोदी सरकार ने इसका समाधान निकाल लिया
मोदी सरकार ने इसका समाधान निकाल लिया है। नीति आयोग के सदस्य विनोद के पॉल ने बताया कि, मोदीकेयर के सफल होने में सबसे बड़ी परेशानी वही 10 करोड़ परिवार या 50 करोड़ लोग हैं, जिनके लिए यह है। असल में उन्हें पता ही नहीं है कि स्कीम क्या है, इसका कैसा लाभ लिया जा सकता है। बता दें कि सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना के डेटा के आधार पर निचले स्तर पर आनेवाले 40 प्रतिशत लोग आयुष्मान भारत का लाभ लेने के लिए खुद रजिस्टर हो चुके हैं, उन्हें अलग से कोई प्रकिया पूरी नहीं करनी है।
यह लागत को तर्कसंगत बनाकर स्वास्थ्य प्रणाली को बदल देगा
विनोद के पॉल ने कहा कि, यह सेवाओं की पहुंच के लिए एक बड़ा कदम है, यह लागत को तर्कसंगत बनाकर स्वास्थ्य प्रणाली को बदल देगा, क्योंकि ये आर्थिक लिहाज से किफायती भी है। इस योजना से रोजगार का भी निर्माण होगा और ये विकास में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। योजना के तहत अब तक 1.12 लाख लोगों ने फायदा उठाया है और अब तक 140 करोड़ रुपए के दावों का निराकरण किया गया है।
15,000 से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटल इस स्कीम का हिस्सा बन चुके हैं
सरकार इसपर सालाना 120 अरब रुपये खर्च करने का प्लान बना चुकी है। पॉल ने बताया कि अबतक 15,000 से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटल इस स्कीम का हिस्सा बन चुके हैं। पॉल ने कहा कि योजना के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं, लेकिन इनमें से कोई भी परेशानी का सबब नहीं बनेगी।
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