आखिर क्यों कश्मीर के लोग चेनानी-नाश्री सुरंग के खुलने से खुश नहीं हैं?
दो अप्रैल को जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे देश की सबसे लंबी चेनानी-नाश्री सुरंग का उद्घाटन लेकिन उससे पहले शुरू हुआ अलगाववादियों का विरोध।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की पीडीपी-बीजेपी सरकार ने राज्य के लोगों से वादा किया हे कि वह विकास के जरिए राज्य में शांति लाएगी लेकिन लगता है कि सरकार के वादे का कोई असर कश्मीर और यहां के अलगाववादियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। रविवार दो अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सबसे बड़ी सुरंग चेनानी-नाश्री सुरंग का उद्घाटन करेंगे और इस दौरान अलगाववादियों ने बंद का ऐलान किया है।
दो अप्रैल को बंद रहेगी घाटी
चेनानी-नाश्री सुरंग जम्मू के उधमपुर में हैं और यह देश की सबसे बड़ी सुरंग है। सैयद अली शाह गिलानी वाली हुर्रियत कांफ्रेंस ने दो अप्रैल को पूरी घाटी में बंद का ऐलान किया है। ऐसे में कश्मीर के लोग इस सुरंग को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। इस सुरंग को दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी सुरंग कहा जा रहा है। इस सुरंग के बाद श्रीनगर और जम्मू के बीच सफर में लगने वाला समय दो घंटे कम हो जाएगा और दूरी 41 किलोमीटर से घटकर 10.89 किलोमीटर ही रह जाएगी। इस सुरंग को देश की सरकार का सबसे अहम इंफ्रास्ट्रक्चरल प्रोजेक्ट करार दिया गया है। यह सुरंग 9.2 किलोमीटर लंबी है और उधमपुर को रामबन से जोड़ती है जो जम्मू-श्रीनगर के 286 किलोमीटर लंबे हाइवे पर पड़ते हैं। 23 मई 2011 को इस सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था। अधिकारियों के मुताबिक हिमालय के निचले हिस्से में बनी इस सुरंग के निर्माण में करीब 3,720 करोड़ रुपए की लागत आई है। यह सुरंग 1200 मीटर लंबी है और यह भारत की पहली सुरंग है जो विश्वस्तरीय इंटीग्रेटेड टनल कंट्रोल सिस्टम से लैस है। इस सिस्टम के जरिए वेंटीलेशन, फायर कंट्रोल, सिग्नल, कम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को आटोमैटिकली एक्टिव रखा जाएगा।
'विकास का लालच न दें पीएम मोदी'
सुरंग के उद्घाटन से पहले ही कश्मीर के अलगाववादियों की ओर से कई तरह के बयान आने लगे हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस की ओर से सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक की ओर से एक साझा बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है, 'सुरंग या फिर सड़कों का निर्माण या फिर विकास हमें लालच नहीं दे सकता है। हमने कश्मीर के लिए आजादी के संघर्ष को बलिदान और उनके खून से सींचा है। हम भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ किसी तरह की दुश्मनी को नहीं बढ़ावा देते हैं लेकिन यह काफी दर्दनाक है कि वह राज्य में हो रहे नरसंहार पर ध्यान न देकर इस तरह का पुरस्कार दे रहे हैं।' श्रीनगर-जम्मू हाइवे देश के सबसे अहम हाइवे में से एक है लेकिन सर्दियों में जब बर्फबारी होती है तो यह हिस्सा देश से कट जाता है। राज्य के कुछ इलाके जैसे कुद, पत्नीटॉप और बतोते को जाने वाले रास्ते पूरी तरह से बंद रहते हैं। अब इस सुरंग की वजह से सर्दियों मं भी कोई परेशानी नहीं होगी। इस सुरंग पर 124 सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जाएगा। हर 75 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी इंस्टॉल किए गए हैं। साथ ही एक थ्री-टीयर सिस्टम के जरिए इसके अंदर बिजली का इंतजाम किया गया है।