दुर्गा पूजा पर पश्चिम बंगाल के लिए पीएम मोदी का संबोधन, जानिए बड़ी बातें
नई दिल्ली: देश में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है। इस दौरान धूमधाम से सभी राज्यों में नवरात्रि और दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया जा रहा है। इस बार कोरोना वायरस की वजह से ज्यादा भीड़भाड़ वाले आयोजन तो नहीं हो रहे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए, साथ ही कोलकाता के सॉल्ट लेक में बने दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन भी किया। जिस पर बंगाल के लोगों ने भी शंख बजाकर पीएम मोदी का स्वागत किया।
Recommended Video
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम COVID-19 के समय में दुर्गा पूजा मना रहे हैं, इस दौरान सभी भक्तों ने अनुकरणीय संयम दिखाया है। लोगों की संख्या कम हो सकती है लेकिन भव्यता और भक्ति समान है और खुशियां अभी भी असीम हैं। यही असली बंगाल है। उन्होंने आगे कहा कि मैं हर किसी से आग्रह करता हूं कि हर हाल में यह सुनिश्चित करें कि उत्सव के दौरान मास्क पहनें, ताकी कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। पीएम मोदी के मुताबिक दुर्गापूजा का त्योहार भारत की एकता और शक्ति को दर्शाता है। यह बंगाल से आई परंपराओं और संस्कृति का भी प्रतिबिंब है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये बंगाल की ही धरती थी, जिसने आजादी के आंदोलन में स्वदेशी को एक संकल्प बनाने का काम किया था। बंगाल की ही धरती से गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चटर्जी ने आत्मनिर्भर किसान और आत्मनिर्भर जीवन का संदेश दिया था। हम पश्चिम बंगाल के तेजी से विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, लगभग 30 लाख गरीब लोगों के लिए घरों का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 90 लाख से अधिक मुफ्त गैस कनेक्शन बांटे गए हैं।
अमित शाह हुए 56 के, PM मोदी ने खास अंदाज में मित्र को किया बर्थडे विश
पीएम मोदी के मुताबिक बंगाल के लोगों में एक ऐसी आत्मशक्ति है जिसके कारण वो हर क्षेत्र में आगे बढ़कर उपलब्धियां पाते हैं। बंगाल के लोगों ने देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया है, आज भी बढ़ा रहे हैं और ये मेरा विश्वास है कि भविष्य में भी बंगाल के लोग देश का गौरव इसी तरह बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खोलना हो या फिर मुद्रा योजना के तहत करोड़ों महिलाओं को आसान ऋण देना हो, चाहे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान हो या फिर तीन तलाक के खिलाफ कानून हो, देश की नारीशक्ति को सशक्त करने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।