चुनाव से पहले एग्रीकल्चर क्षेत्र में बड़े सुधार के मूड में पीएम मोदी, बुलाई एक्सपर्टस की बैठक
नई दिल्ली। किसानों की खराब हालत को मजबूत करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेषज्ञों की मदद लेने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने देशभर के कृषि विशेषज्ञ, अर्थशास्त्रियों, पॉलिसमेकर्स और किसान को बुलाया है। ताकि उनसे राय ली जा सके कि किसानों की स्थिति को कैसे बेहतर किया जा सकता है। पीएमओ की पहल पर गहन विचार-विमर्श के लिए 'एग्रीकल्चर-2022' का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक व निजी निवेश बढ़ाने पर जोर होगा। यह सम्मेलन 18 और 19 फरवरी को दिल्ली स्थित पूसा एग्रीकल्चर कॉम्पलेक्स में आयोजिक किया जाएगा।
सरकार किसानों के मामलों के हाल को निकालने की कोशिश रही है। आपको बता दें कि 2019 में आम चुनाव होने है इससे पहले सरकार कृषि में बड़े सुधार करने के मूड में दिख रही है। वहीं इस साल दो राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन दोनों राज्यों में किसानों के बीच सरकार द्वारा कृषि पर ध्यान न देने के लेकर जबरदस्त रोष बना हुआ है। वहीं कई राज्य किसानों की ऋण माफी भी कर चुके हैं।
पहले दिन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह खुद वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों से सिफारिशें तैयार कराएंगे। दूसरे दिन प्रधानमंत्री कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिशों पर उनसे चर्चा करेंगे। कृषि क्षेत्र में कानूनी सुधार पर भी ध्यान होगा और विकास के रास्ते तलाशे जाएंगे। कृषि की विकास दर को रफ्तार देने के लिए पशुधन, डेयरी, पॉल्ट्री और मत्स्य पालन को खूब प्रोत्साहन देने पर विचार किया जाएगा। कुल सात चिन्हित क्षेत्रों के विशेषज्ञों को इसमें बुलाया गया है।
प्रधान मंत्री कृषि विश्वविद्यालयों और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गईं प्रजेंटेशन को देखेंगे। आमंत्रित लोग प्रधानमंत्री को एक संरचित तरीके से राष्ट्रीय स्तर की जानकारी देंगे। इसके बाद कृषि मंत्रालय को कार्यान्वयन के लिए सबसे यथार्थवादी समाधान का चुनाव करना होगा। सम्मेलन की तैयारियां एक महीने पहले से ही चालू हो चुकी हैं, जिसके लिए वर्चुअल विचार-विमर्श, ई-नेटवर्क के सहारे वीडियो कांफ्रेसिंग लगातार विचारों का आदान प्रदान हो रहा है। प्रत्येक थीम पर बैक ग्राउंड पेपर तैयार किये गये हैं ताकि किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुना पूरा किया जा सके।