टाइम पर ऑफिस और नो वर्क फ्रॉम होम, पीएम मोदी की मंत्रियों को नसीहत
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नई दिल्ली। दोबारा प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद बुधवार को नरेंद्र मोदी ने मंत्री परिषद के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि उन्हें समय पर ऑफिस आना होगा और साथ ही घर से काम करने की आदत छोड़नी पड़ेगी। पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा है कि मंत्रियों को इस तरह से काम करना होगा कि वह दूसरों के लिए आदर्श पेश कर सकें। मंत्री परिषद के साथ पीएम मोदी की यह पहली मीटिंग थी और सोमवार से शुरू हो रहे नई संसद के सत्र के लिए अहम मानी जा रही है।
सुबह 9:30 बजे तक ऑफिस में हों हाजिर
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी का निर्देश है कि मंत्री हर हाल में सुबह 9:30 बजे तक ऑफिस पहुंच जाएं। किसी भी तरह की लेट-लतीफी नहीं होनी चाहिए। पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वह रोजाना ऑफिस पहुंचे और घर से काम करने से बचें। ऑफिस पहुंचने के बाद मिनिस्ट्री के अधकारियों से लेटेस्ट डेवलपमेंट पर भी कुछ मिनट चर्चा करें।
जूनियर्स को लेकर भी हिदायतें
मीटिंग में जूनियर्स को लेकर भी पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को हिदायत दी हैं। पीएम मोदी ने अपने सीनियर मंत्रियों को आदेश दिया है कि नए पदाधिकारियों का हाथ पकड़ चलें। इसके साथ ही उन्होंने राज्यमंत्रियों का पदभार संभालने वाले मिनिस्टर्स को और ज्यादा जिम्मेदारी देने की इच्छा जताई। पीएम मोदी ने कैबिनेट मिनिस्टर्स से कहा है कि हर जरूरी फाइल्स को राज्य मंत्रियों के साथ भी साझा किया जाए। ऐसे करने से उनकी उत्पादकता में इजाफा होगा। कैबिनेट मिनिस्टर और उनके जूनियर साथ में बैठकर किसी प्रपोजल को मंजूरी दे सकते हैं।
मंत्री, सांसद एक समान
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा है कि मंत्रियों को पार्टी के सांसदों और आम जनता से मिलते रहना चाहिए। इसके अलावा संबधित राज्यों के सांसदों से मिलते रहें। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है कि किसी भी मंत्री और उक सांसद में कोई फर्क नहीं होता है। मीटिंग में पीएम मोदी ने पांच वर्ष के सरकार के एजेंडे पर भी जिक्र किया। उन्होंने हर मंत्रालय से फॉर्मूले बेस्ड एजेंडे पर काम करने को कहा है और साथ ही सरकार के पहले 100 दिनों में प्रभावी फैसलों को लेने का आदेश भी दिया है। मीटिंग के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद के ज्यादा से ज्यादा प्रभावी उपयोग पर एक प्रजेंटेशन भी पीएम मोदी के सामने दी।
मंत्रियों को देनी पड़ी प्रजेंटेशन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच जुलाई को आने वाले बजट के लिए इनपुट्स मांगने के लिए एक प्रजेंटेशन तैयार की तो रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी प्रजेंटेशन बनानी पड़ी। रेल मंत्री की प्रजेंटेशन हर केंद्रीय मंत्रालय के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जो अगले पांच वर्षों के कामकाज से जुड़ा था। मंत्री परिषद की मीटिंग मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी नियमित तौर पर होती थी। हर बुधवार को होने वाली इस मीटिंग में पीएम मोदी अहम सेक्टर्स और अहम मंत्रियों के कामकाज का जायजा लेते थे।