जो पराक्रम अटल जी यूपी में ना कर पाए वो मोदी ने कर दिखाया
सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद इंडियन आर्मी की सर्जिकल स्ट्राइक ने भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत में अदा किया है एक बड़ा रोल।
नई दिल्ली। आखिरकार केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में एतिहासिक जीत के साथ अहम लिटमस टेस्ट पास कर लिया है। बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 300 का आंकड़ा तक पार करने की ओर बढ़ रही है और वर्ष 1991 के बाद पार्टी एक नया इतिहास लिखने जा रही है।
उरी आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक
इस इतिहास में एक योगदान सितंबर 2016 में हुई उस सर्जिकल स्ट्राइक का भी है, जिसे उरी आतंकी हमले के बाद अंजाम दिया गया था। शनिवार को जो नतीजे आए हैं उनके आधार पर यह बात कही जा सकती है वर्ष 2002 में जो काम करने से उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई न कर सके,वह काम पीएम नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है।
सर्जिकल स्ट्राइक का फायदा
सितंबर में जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो उत्तर प्रदेश और पंजाब की जगहों पर सर्जिकल स्ट्राइक पर आधारित कुछ पोस्टर्स भी नजर आए। उस समय कहा गया कि बीजेपी सेना का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है और आज बीजेपी को उसका बड़ा फायदा भी मिला है।
क्या हुआ था वर्ष 2002 में
वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे और केंद्र में बीजेपी की सरकार थी। वर्ष 2002 में चुनावो से पहले दिसंबर 2001 में संसद पर हमला हुआ था। इसके हमले के बाद उत्तर प्रदेश की जनता चुनावों में वोट देने उतरी।
शुरू हुआ ऑपरेशन पराक्रम
संसद पर हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस कदर बढ़ा कि सीमा पर मिसाइलें तक तैनात हो गर्इ्रं थी। 13 दिसंबर 2001 से जून 2002 तक सीमा पर सेनाएं आमने-सामने थीं। इसी बीच एक सीक्रेट सर्जिकल स्ट्राइक को भी भारत ने अंजाम दिया।
चुनावी रैलियों में नहीं हुआ जिक्र
मार्च में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए और रिस्क लेने का जो जज्बा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपई ने उस समय दिखाया, उसका श्रेय लेने से उन्होंने इंकार कर दिया। हां, जनता का भरोसा जरूर केंद्र सरकार और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई पर बढ़ा था।
क्या किया पीएम मोदी ने
सितंबर में सर्जिकल स्ट्राइक हुई और उत्तर प्रदेश में इससे जुड़े कई पोस्टर्स नजर आने लगें। पार्टी के अंदर इस बात को लेकर थोड़ा मतभेद था कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक को मुद्दा बनाना चाहिए। वहीं कुछ नेता यह मानते थे कि यह एक अच्छे वोट बैंक को आकर्षित कर सकता है।
रैलियों में पीएम मोदी ने किया जिक्र
उत्तर प्रदेश में पीएम मोदी ने करीब 30 रैलियां कीं जिसमें आखिरी रैली जौनपुर में थीं। पीएम मोदी ने लगभग हर रैली में सर्जिकल स्ट्राइक और इंडियन आर्मी की बहादुरी का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने भावनात्मक अंदाज में उन नेताओं को भी फटकारा जो सर्जिकल स्ट्राइक के सुबूत मांग रहे थे।
पीएम मोदी पर बढ़ा भरोसा
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कहीं न कहीं जनता का भरोसा पीएम मोदी की रिस्क लेने की ताकत पर बढ़ा और उत्तर प्रदेश् चुनावों में इसका फायदा देखने को मिला। पीएम मोदी रिस्क ले सकते हैं, यह बात शायद उत्तर प्रदेश की जनता ने काफी बेहतरी से समझी और यह एक ऐसा फैक्टर था जिसने मोदी और पार्टियों को अहम जीत दिलाई।