भारत-चीन तनाव : PM मोदी ने NSA और सेना प्रमुखों के साथ की हाईलेवल मीटिंग
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर के पास जारी गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की है। इसके अलावा लद्दाख में तनाव पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से करीब एक घंटे मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी के साथ बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन सेवा प्रमुखों से मुलाकात की थी।
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चीन विवाद पर हाईलेवल मीटिंग
दोनों बैठकों में मोदी और राजनाथ को चीन की हरकतों पर भारतीय सेना के जवाब की जानकारी दी गई। मीटिंग में दो अहम फैसले लिए गए। पहला- इस क्षेत्र में सड़क निर्माण जारी रहेगा। दूसरा- भारतीय सैनिकों की तैनाती उतनी ही रहेगी जितनी चीन की है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने इस मामले की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी थी। वह दो दिन पहले ही लेह का दौरा करके लौटे हैं। उधर पीएम मोदी ने इस बैठक से अलावा विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से अलग से इस मामले पर बातचीत की है।
चीन ने भारतीय इलाके में 10 किलोमीटर भीतर घुसकर 100 से ज्यादा तंबू गाड़े
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत-चीन के बीच करीब दो महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है। पांच मई से अब तक दोनों देशों के सैनिकों के बीच 6 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन ये विफल रहीं। सूत्रों के मुताबिक चीन का कहना है कि भारत एलएसी पर अपने क्षेत्र में भी निर्माण कार्य नहीं करे। भारत ये मानने को तैयार नहीं है। इस बीच चीन ने भारतीय इलाके में 10 किलोमीटर भीतर घुसकर 100 से ज्यादा तंबू गाड़ दिए हैं।
भारत ने भी बढ़ाई सैनिकों की संख्या
तनाव को देखते हुए भारत ने पेंगोंग त्सो झील और गालवान वैली में सैनिक बढ़ा दिए हैं। इन दोनों इलाकों में चीन ने दो हजार से ढाई हजार सैनिक तैनात किए हैं, साथ ही अस्थाई सुविधाएं भी बढ़ा रहा है। भारतीय सेना के एक उच्च अधिकारी का कहना है कि भारतीय पोस्ट केएम120 और गालवान वैली समेत कई अहम पॉइंट्स के आसपास चीन के सैनिक मौजूद हैं। जो एक बड़ी चिंता की बात है। 2017 में डोकलाम में दोनों देशों के बीच हुए विवाद से ये बड़ा विवाद बताया जा रहा है।
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