'मैं उनके निधन से दुखी हूं': पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चेतन चौहान के निधन पर जताया शोक
नई दिल्ली। भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज व उत्तर प्रदेश के सैनिक कल्याण, होमगार्ड, पीआरडी और नागरिक सुरक्षा मंत्री चेतन चौहान का रविवार को निधन हो गया। चेतन चौहान 12 जुलाई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे जिसके बाद उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन गत शुक्रवार उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने की वजह से उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। बताया जा रहा है कि रविवार को 73 वर्षीय चेतन चौहान को एक दिल का दौरा आया जिसके बाद उनका निधन हो गया। पूर्व क्रिकेटर और राज्य मंत्री को खोने के बाद से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है।
चेतन चौहान के निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'श्री चेतन चौहान जी ने खुद को एक शानदार क्रिकेटर और बाद में एक मेहनती राजनीतिक नेता के रूप में प्रतिष्ठित किया। उन्होंने यूपी में भाजपा को मजबूत करने में प्रभावी योगदान दिया। मैं उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना।'
वहीं, हाल ही में कोरोना वायरस को मात देकर काम पर लौटे गृह मंत्री अमित शाह ने भी चेतन चौहान के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री व पूर्व क्रिकेटर श्री चेतन चौहान जी ने अपने जीवन में पहले एक खिलाड़ी के रूप में और बाद में एक जनसेवक के रूप में देश की सेवा की। उनका निधन भारतीय राजनीति और क्रिकेट के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।' बता दें कि कोरोना संक्रमित होने के बाद अमित शाह को भी मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन चेतन चौहान के वहां शिफ्ट होने तक गृह मंत्री को छुट्टी दे दी गई थी।
ऐसा
रहा
चेतन
चौहान
का
राजनीतिक
सफर
चेतन
चौहान
के
राजनीतिक
सफर
की
बात
करें
तो
वह
अमरोहा
जिले
की
नौगांवा
विधानसभा
के
विधायक
चुने
गए
थे।
उन्होंने
यह
चुनाव
1991
में
भारतीय
जनता
पार्टी
के
टिटक
पर
लड़ा
था।
उसके
बाद
बीजेपी
ने
उन्हें
साल
1996
में
इसी
सीट
पर
फिर
से
उम्मीदवार
बनाया
लेकिन
इस
बार
वह
जीत
हासिल
नहीं
कर
पाए।
1998
में
चेतन
चौहान
फिर
से
सांसद
चुने
गए।
इस
के
बाद
साल
1999
और
2004
के
लोकसभा
चुनाव
में
पूर्व
क्रिकेटर
ने
अपनी
किस्मत
आजमाई
लेकिन
उन्हें
हार
का
सामना
करना
पड़ा
था।
बता
दें
कि
क्रिकेट
से
रिटायरमेंट
लेने
के
बाद
भी
समय-समय
पर
भारतीय
क्रिकेट
टीम
से
जुड़े
बयान
देते
रहते
थे।
भारत
के
लिए
40
टेस्ट
खेलने
वाले
चौहान
लंबे
समय
तक
सुनील
गावस्कर
के
सलामी
जोड़ीदार
रहे
थे।
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