भाजपा के पितृ पुरुष दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से दो दिन पहले मोदी ने इसलिए लॉन्च की अपनी सबसे महत्वाकांक्षी योजना
नई दिल्ली। क्यों नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले ही लॉन्च कर दिया? तय कार्यक्रम के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना को 25 सितंबर को लॉन्च किया जाना था लेकिन इसे 23 सितंबर को ही प्रधानमंत्री ने रांची से लॉन्च कर दिया। इस योजना को 25 सितंबर से शुरू किए जाने का कराण भारतीय जनता पार्टी के विचार पुरुष दीन दयाल उपाध्याय की जयंती का होना था। लेकिन इस योजना को शुरु करने की तारीख में बदलाव के पीछे का कारण बना पितृ पक्ष। क्योंकि 25 सितंबर से पितृ पक्ष शुरु हो रहे हैं और इसमें किसी बड़े और नए काम की शुरुआत को करना अशुभ माना जाता है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत की घोषणा की थी और 25 सितंबर की तारीख इसकी शुरुआत के लिए तय की गई थी।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इस कार्यक्रम में बदलाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कहने पर किया गया। कहा जा रहा है कि आरएसएस ने सरकार को एक संदेश भेजा और कहा कि सरकार द्वारा दुनिया की इस सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना को लॉन्च करने के लिए पितृ पक्ष का अशुभ दिन ठीक नहीं है और इसी के बाद आनन फानन में योजना को शुरु करने की तारीख दो दिन पहले कर दी गई।
25 सितंबर से 8 अक्टूबर तक पितृ पक्ष
पूर्व
प्रधानमंत्री
अटल
बिहारी
वाजपेयी
के
निधन
के
चलते
पहले
पार्टी
इस
पर
विचार
नहीं
कर
पाई
थी
लेकिन
फिर
सितंबर
की
शुरुआत
में
सरकार
ने
आयुष्मान
भारत
को
लकेर
अपनी
रणनीति
बदली
और
योजना
को
शुरु
करने
की
तारीख
25
सितंबर
से
23
सितंबर
कर
दी।
पितृ
पक्ष
25
सितंबर
से
8
अक्टूबर
तक
चलेंगे
और
इसलिए
प्रधानमंत्री
ने
23
सितंबर
को
ही
रांची
से
इस
योजना
की
शुरुआत
कर
दी।
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ज्योतिष की गणना पर विश्वास
पितृ पक्ष के कारण जहां योजना को दो दिन पहले लागू कर दिया गया वहीं 23 सितंबर के कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया। सूत्रों ने कहा कि पहले इस योजना को लागू करने का वक्त दिन में एक बजे रखा गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार्यक्रम मे 2 बजे पहुंचना था। लेकिन फिर ज्योतिष की गणना के अनुसार इसकी शुरुआत का वक्त सुबह 10 बजे रखा गया।
40 प्रतिशत आबादी को फायदा
आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 50.74 करोड़ गरीब लोगों को कवर किया जाएगा और हर परिवार को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। इस योजना में देश की करीब 40 प्रतिशत आबादी आएगी। लगभग 15,000 निजी और सरकारी अस्पतालों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपनी इच्छा जाहिर की है जिसमें 800 निजी अस्पताल शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में इस पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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