पंजाब के सीएम अमरिंदर ने पीएम मोदी के इन फैसलों को सराहा
नई दिल्ली- पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को खत लिखकर पूरे देश में किसानों का लोन माफ करने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में संशोधन करने की भी मांग की है। अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने दोनों खतों के आधार पर यह उम्मीद जताई है कि किसानों की मदद के लिए यह 'वन-टाइम सॉल्यूशन' होगा। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए कुछ खास फैसलों की सराहनी भी की है।
राष्ट्रीय स्तर पर किसानों का कर्ज माफ हो- अमरिंदर
प्रधानमंत्री को लिखे अपने खत में पंजाब के मुख्यमंत्री ने ये बात कही है कि उनकी सरकार की ओर से किसानों को जो राहत देने की कोशिश की गई है, वह संसाधनों के अभाव में कम पड़ रही है। उनके मुताबिक, "सीमित संसाधनों में पंजाब सरकार जो राहत उपलब्ध करा रही है वह पर्याप्त नहीं है और इसे भारत सरकार द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। किसानों के हित वाले उपायों से इस समुदाय की कर्ज की समस्या कम करने में मदद मिल सकती है।" किसानों पर पड़ रहे दबाव के बारे में उन्होंने कहा कि सोच-समझकर उठाए गए कदमों से उनका संकट दूर किया जा सकता है और उनका जीवन-स्तर ऊंचा उठाया जा सकता है। अमरिंदर (Amarinder Singh)ने कहा है कि उनकी सरकार ने सीमांत किसानों को 2 लाख रुपये और छोटे किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज से राहत दी है। उन्होंने कहा है कि, "अबतक कुल 5.52 लाख किसानों को 4,468 करोड़ रुपये के कर्ज से राहत दी गई है। जल्दी ही बाकी हकदार किसानों को इस योजना के तहत राहत पहुंचायी जाएगी।"
इन योजनाओं के लिए की केंद्र की तारीफ
पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh)ने किसानों को वित्तीय सहायता देने के मोदी सरकार के दो फैसलों की तारीफ की है। उन्होंने पीएम-किसान योजना (PM-Kisan Yojana) और किसानों को पेंशन (pension to farmers) दिए जाने के मोदी सरकार के फैसलों की सराहना की है। हालांकि, उन्होंने ये भी जोड़ा है कि पंजाब के किसानों पर जितना कर्ज है, उसमें इन कदमों से समस्या का पूरा हल नहीं निकल पाएगा।
दूसरे खत में की मुफ्त में बीमा देने की मांग
पीएम मोदी को लिखे दूसरे खत में उन्होंने कृषि मंत्रालय से 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' में जरूरी संशोधनों के लिए सुझाव देने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि पहले की योजनाओं की तुलना में इसमें काफी सुधार किया गया है, लेकिन अभी भी कुछ खामियां हैं, जिसके चलते पंजाब के किसान इसे नहीं अपनाते और राज्य में यह लागू नहीं हो पाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि इसे इलाके के आधार पर लागू न करके खेतों और प्लॉट के आधार पर लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा इसमें जोखिम से कवर के दायरे को भी 90% से बढ़ाकर 95% करने और उसे पिछले साल के पैदावर के आधार पर निर्धारित करने की मांग की गई है। उन्होंने ये भी मांग की है कि ज्यादातर किसान आर्थिक परेशानियों में घिरे हैं, इसलिए उनसे फसल बीमा का प्रीमियम न लेकर इसे केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा 60:40 अनुपात में भुगतान करना चाहिए।
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