पीएम मोदी का साक्षात्कार, संसद में कानून बनाने से सिर्फ विकास नहीं होता
एक साल के कार्यकाल के दौरान आपने कई योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत, स्कूलों के लिए शौचालय, जनधन सहित कई योजनायें शुरु की। अब भविष्य के लिए आपकी क्या योजना है।
पहले तो मैं कहना चाहूंगा कि स्वच्छ भारत और स्कूलों में शौचालय सिर्फ सफाई के लिए नहीं हैं। बल्कि शौचालय की व्यवस्था होना महिलाओं के लिए सम्मान से जीने के लिए न्यूनतन आवश्यकता है जिसे पूरा करना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन दुर्भाग्यवश हम आजादी के इतने साल बाद भी हम इसे नहीं कर पाये हैं।
हमारा आने वाला समय महिलाओं, किसानों शहरी गरीबों और बेरोजगारी पर केंद्रित होगा। जो भी हमने शुरु किया है उसे आगे ले जाने के साथ गांवों और निकायों तक पहुंचाने की जरूरत है।
हमने अहम मुद्दों जैसे बिजली, स्वच्छ शहर, स्वच्छ नदियां, पानी आदि की समस्याओं को खत्म करना है। हमें अपने सुधार जारी रखने होंगे जिससे की हम पांच करोड़ लोगों को घर देने की योजना को साकार करना चाहते हैं। हमें देश के हर क्षेत्र के लोगों मुख्य रुप से पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को विकास के समान पैमाने पर लाना होगा।
हमें शैक्षणिक संस्थायों, कर्मचारियों और काम करने वाले लोगों की क्षमता का विकास करना है। हमें शोध के क्षेत्र में विकास करना है, हमारे देश के लड़के और लड़कियां अन्य देशों में बहुत बेहतर काम कर रहे हैंलेकिन हमें उन्हें अपने देश में रोकने में विफल हुए हैं।
हमने इसके लिए अटल इनोवेश मिशन और सेल्फ इंफ्लायमेट और टैलेंट यूटीलाइजेशन की योजना शुरु की है जिससे की ऐसे युवाओं को मदद मिले।
आप आर्थिक सुधारों में तेजी लाना चाहते थे, लेकिन सुधारों से जुड़े भूमि अधिग्रहण बिल, जीएसटी को पास कराने में आपको दिक्कतों आ रही हैं। क्या आपको लगता है कि ऐसी बाधायें देश के विकास के लिए बाधा है। ऐसे में जो लोग इसका विरोध कर रहे उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगे।
जीएसटी और भूमि अधिग्रहण बिल देश के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इन बिलों के मुख्य उद्देंश्य को सभी पार्टियों को समझना चाहिए और अपने राजनैतिक मकसद को किनारे रखकर इसका समर्थन करना चाहिए।
देश को लंबे विकास के लिए तैयार करना है। राज्य जीएसटी के पक्ष में हैं जोकि हमारे संघीय ढांचे की मजबूती को दिखाता है और इस लोकसभा में पास भी कर दिया गया है। ऐसे में बस कुछ समय की ही बात है जब ये बिल पास हो जायेंगे।
अगर ये सुधार तेजी से आगे नहीं बढ़ाये गये तो इससे क्या संदेश जायेगा खासकर कि उन विदेशी निवेशकों को जिन्हें आप देश में लाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं।
दिल्ली में लोगों की एक अनूठी सोच है कि विकास संसद में नये कानूनों के बनने से जुड़ा है। जबकि हकीकत यह है कि विकास मुख्य रूप से उनसे जुड़ा है जिन्हें इसकी जरूरत है और इसे बिना नये कानून के कई स्तर पर सरकार के बेहतर कामकाज के जरिए पहुंचाया जा सकता है।
हमने सुधार के लिए कई अहम कदम उठाये हैं जैसे डीजल के दामों से नियंत्रण हटाना, एलपीजी की डायरेक्ट सब्सिडी, एफडीआई की सीमा बढ़ाना, रेलवे में विकास आदि।
हकीकत यह है कि विकास को काफी रफ्तार के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है, बल्कि एफडीआई मे 39 फीसदी की बढ़ोत्तरी इसका सूचक है कि विकास की रफ्तार में तेजी आयी है। अप्रैल 2014 की तुलना में फरवरी 2015 में एफडीआई में निवेश 39 फीसदी बढ़ा है।