पीएम का साक्षात्कार- देश वीर जवानों के हाथ में बिल्कुल सुरक्षित है
हाल ही में यह बात सामने आयी है कि अगर युद्ध हुआ तो देश के पास सिर्फ 10-12 दिन का हथियार है।
ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है और यह सही माध्यम नहीं है ऐसे मामलों पर चर्चा का। मैं देश के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारा देश जल, थल और वायु सेना और कोस्ट गॉर्ड के वीर जवानों के हाथ में है।
भविष्य
में
किन
सुधारों
की
आप
योजना
बना
रहे
हैं।
हमने
जो
सुधारात्मक
फैसले
पिछले
एक
साल
में
लिये
हैं
उसका
हमें
देशभर
की
जनता
से
अच्छा
जवाब
मिल
रहा
है,
भारत
अब
निवेश
के
लिए
बेहतर
स्थान
बनकर
उभरा
है
जिसने
हमें
ऐसे
कदम
उठाने
का
भरोसा
दिया
है।
हमारा
अगला
फोकस
होगा
प्रो
एक्टिव,
प्रो
पीपुल
और
गुड
गवर्नेंस
रिफॉर्म।
वहीं
हमारा
मुख्य
एजेंडा
यह
रहेगा
कि
केंद्र
और
राज्यों
के
बीच
और
बेहतर
समन्वय
स्थापित
करके
विकास
के
लिए
मिलकर
काम
कर
सके।
आपने
पहले
ही
कई
क्षेत्रों
में
एफडीआई
के
दरवाजे
खोल
रखे
हैं
और
किन
क्षेत्रों
में
आप
एफडीआई
की
इजाजत
देने
की
योजना
बना
रहे
हैं।
हमने
जो
कदम
पिछले
एक
साल
में
उठाये
हैं
उसने
देश
के
प्रति
दुनिया
का
नजरिया
बदला
है
और
निवेश
में
बढ़ोत्तरी
आयी
है।
हमारे
देश
में
रोजगार
की
क्षमता
बहुत
अधिक
है
और
स्थानीय
प्रतिभा
भी
बहुत
है
देश
में
ऐसे
में
एफडीआई
को
बढ़ावा
देने
वाला
क्षेत्र
शोध
और
विकास
का
क्षेत्र
होगा।
हमने
राष्ट्रीय
संरचना
निवेश
फंड
की
शुरुआत
की
है।
यह
कदम
विदेशी
निवेशकों
को
इंफ्रास्ट्रक्टर
के
क्षेत्र
में
निवेश
के
लिए
आकर्षित
करेगा।
अगले वित्तीय वर्ष के लिए आपका क्या लक्ष्य है।
पिछले एक साल का मेरा अनुभव काफी उत्साहवर्धक और हिम्मत देने वाला था। देश के सवा सौ करोड़ लोगों ने में मुझमें भरोसा दिखाया है जिसके चलते सभी आर्थिक सूचको ने उम्मीद से अच्छा संकेत दिया है। मैं अपनी सरकार की क्षमता को कम नहीं आंकना चाहता हूं मुमकिन है मैं जो भी आंकड़ा दूं उससे कहीं अधिक हम लक्ष्य को हासिल करें।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि भूम अधिग्रहण बिल कॉर्पोरेट की मदद करेगा और और आप इसे गरीबों के लिए बता रहे हैं। क्या आपको लगता है कि विपक्ष सही कह रहा है।
मैं राजनैतिक कीचड़ उछालने में नहीं पड़ना चाहता हूं। मैं आश्चर्यचकित हूं देश को 60 सालों तक चलाने के बाद लोग मुझसे ऐसे सवाल पूछते हैं, जो लोग इस बिल पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें सरकार के कामकाज और प्रशासन की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है।
केंद्र को जमीन की कोई जरूरत नहीं होती है। जमीन राज्यों का मामला होता है जिसपर केंद्र का कोई अधिकार नहीं होता है। 120 साल पुराने भूमि अधिग्रहण बिल में पिछली सरकार ने सिर्फ 120 मिनट में संशोधन किया था।
हमने उस वक्त भी इस बिल का समर्थन किया था, लेकिन उसके बाद कई जगहों से इस बिल को लेकर शिकायत आयी। हम राज्यों का अपमान नहीं कर सकते हैं, किसी को अपनी गलती सुधारने में अभिमानी नहीं होनी चाहिए।
हम इस बिल की खामियों में सुधार करना चाहते हैं वो भी राज्यों की सलाह पर। लेकिन बावजूद इसके अगर कोई राजनीति से प्रेरित हुए किसानों के हित से जुड़े सुझाव देगा तो हम उसे स्वीकार करेंगे।
भूमि अधिग्रण पर अभी भी टकराव बना हुआ है। आप विपक्ष की ऐसी कौन सी मांगे हैं जिन्हें स्वीकार करेंगे।
गांव, गरीब, किसान अगर इससे जुड़े कोई भी सुझाव होगें तो हम उसे राष्ट्रहित में स्वीकार करेंगे।
पिछले एक साल में संघ परिवार और आपको कई बार निशाना बनाया गया जब भी अल्पसंख्यक समुदाय की संस्थाओं पर हमला हुआ। आपका इसपर क्या कहना है।
किसी भी संस्था के खिलाफ कोई भी आपराधिक कृत्य स्वीकार नहीं किया जाएगा और उसकी निंदा होगी। हमलावरों को हर हाल में सजा मिलेगी। मैंने पहले भी कहा है कि किसी भी संप्रदाय विशेष के खिलाफ भेदभाव और हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेरा मकसद बिल्कुल साफ है सबका साथ सबका विकास।