प्लॉट अलॉटमेंट घोटाला: ED ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा सहित 22 लोगों के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र
चंडीगढ़। पंचकूला इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉटमेंट घोटाला मामले में आज (16 फरवरी) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (पीएमएलए) के तहत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य 21 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप है कि साल 2013 में तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिचित लोगों को 30.34 करोड़ रुपए में गलत तरीके से 14 औद्योगिक भूखंडों को आवंटित किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा चार रिटायर हो चुके आईएएस अधिकारियों का भी नाम शामिल है। बता दें कि पंचकूला इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉटमेंट घोटाला मामले की जांच ईडी ने वर्ष 2015 में हरियाणा सतर्कता ब्यूरो द्वारा एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी। इस केस में ईडी की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इस मामले की प्राथमिकी को साल 2016 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांस्फर कर दिया गया था, उस समय सीबीआई ने 120-B, 201, 204, 409, 420, 467, 468, 471, 13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
Enforcement Directorate (ED) files prosecution complaint in the Panchkula Industrial Plot Allotment scam against 22 accused including the then CM Haryana BS Hooda pic.twitter.com/n8YlBsgBQB
— ANI (@ANI) February 16, 2021
केस की जांच में पता चला कि सीएम रहते हुए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के अध्यक्ष रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित चार सेवानिवृत आईएएस अधिकारियों ने गलत तरीके से प्लॉट का आवंटन किया। इन अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं- धर्मपाल सिंह नागल, सुरजीत सिंह, सुभाष चंद्र कंसल, और नरेंद्र सिंह सोलंकी। ये सभी अधिकारी, HUDA में अलग-अलग पदों पर कार्यरत रह चुके हैं। ईडी की जांच में पता चला है कि जिन भूखंडों का आवंटन किया गया उनकी कीमत बाजार दर से 7-8 गुना कम और निर्धारित मूल्य को सर्कल दर से 4-5 गुना कम रखा गया था। ईडी अधिकारियों के मुताबिक आवेदन की अंतिम तिथि के 18 दिन बाद आवंटन के लिए मापदंड बदल दिए गए थे।
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