Kerala plane crash: सामने आई प्लेन क्रैश की बड़ी वजह, AAI ने किया खुलासा
नई दिल्ली। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मानें तो एयर इंडिया एक्सप्रेस का प्लेन कोझीकोड हवाई अड्डे पर रनवे से लगभग 1,000 मीटर पहले ही टैक्सीवे के पास टकरा गया था। भारी बारिश के कारण पायलट लैंडिंग के प्रयास में रनवे को नहीं देख सके। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि लैंडिंग के समय दृश्यता 2,000 मीटर थी।रनवे की कुल लंबाई 2,700 मीटर है। केरल के कोझिकोड हवाई अड्डे के पास एक टेबल-टॉप रनवे है।
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रनवे से 1000 मीटर पहले ही टच हो गया था विमान
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि प्लेन की लैंडिंग 28 नंबर रनवे पर होनी थी लेकिन पायलट को साफ नहीं दिख रहा था इसलिए उन्होंने 10वें रनवे पर प्लेन लैंड करने का अनुरोध किया था। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की ओर से बताया गया कि एयरक्राफ्ट टैक्सीवे सी पर ही टच हो गया था जो रनवे से लगभग 1000 मीटर पहले है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि हवाई क्षेत्र में बारिश हो रही थी और लैंडिंग के समय दृश्यता 2,000 मीटर थी।
फिसल कर खाई में गिरा विमान, दो टुकड़ों में टूटा
प्रवक्ता ने बताया कि, आधी रात के आसपास बचाव कार्य पूरा किया गया और शनिवार सुबह 3 बजे हवाई अड्डे का संचालन फिर से शुरू हुआ। बोइंग 737-800 विमान रनवे पर उतरते समय दो टुकड़ों में टूटने से पहले 35 फीट नीचे एक ढलान में जा गिरा। केरल के कोझिकोड हवाई अड्डे के पास एक टेबल-टॉप रनवे है और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा संचालित है। आमतौर पर, टेबल-टॉप रनवे का निर्माण पहाड़ी या ऊंचाई वाले इलाके में किया जाता है।
क्या होता है टेबल टॉप रनवे
कोझीकोड और मंगलुरु के अलावा मिजोरम, सिक्किम, शिमला और कुल्लू में रनवे टेबल टॉप बने हुए हैं। इसके अलावा भूटान में पारो और नेपाल के काठमांडू, पोखरा आदि रनवे इसी तरह के हैं। ऐसे रनवे पर लैंडिंग और टेक ऑफ दोनों ही जोखिम भरे होते हैं। टेबल टॉप रनवे आम एयरपोर्ट के रनवे से काफी छोटे होते हैं। इन रनवे पर प्लेन उतराने वाले पायलट खास तरह से प्रशिक्षित होते हैं, क्योंकि इन रनवे के दोनों तरफ या एक तरफ गहरी खाई होती है।
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