अरुणाचल प्रदेश सीमा पर अब PLA ने बढ़ाई हलचल, भारती सेना हाई अलर्ट पर
नई दिल्ली- भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश में भी पूरी तरह से मुस्तैद हो गई है। जानकारी के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों के हाथों मिली बार-बार की फजीहत के बाद पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के जवान अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उस पार जुटने शुरू हो गए हैं। इन जानकारियों के बाद भारत ने भी एलएसी के सभी सेक्टरों में सेना को हाई अलर्ट कर दिया है और भारतीय सेना दुश्मन की किसी भी हरकत का तत्काल मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। जानकारी के मुताबिक बीते कुछ ही दिनों में चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाके से उसपार 20 किलोमीटर के दायरे में भारी जमावड़ा किया है।
पीएलए को जवाब देने के भारतीय सेना तैयार
दो दिन पहले ही वन इंडिया ने आपको बताया था कि चीन पूर्वी लद्दाख में भारत के हाथों मात खाने के बाद कहीं अरुणाचल प्रदेश में कोई गड़बड़ी तो नहीं करना चाह रहा है। हमारी उन आशंकाओं की पुष्टि हुई है। इंडिया टुडे टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा के उसपार अपने सैनिकों का बड़ा जमावड़ा खड़ा कर लिया है। चीन अरुणाचल प्रदेश इलाके में भी पूर्वी लद्दाख की तरह कोई गुस्ताखी ना करे, इसके लिए भारत ने भी अरुणाचल प्रदेश में अपनी तैयारियां सख्त कर दी हैं। सूत्रों के मुताबिक बहुत मुमकिन है कि पीएलए घुसपैठ के जरिए इलाके की महत्वपूर्ण जगहों और चोटियों पर कब्जे की कोशिश करे। हालांकि, भारतीय सेना ने पीएलए को मुंहतोड़ जवाब देने की लिए अपनी तैयारी पुख्ता कर ली है और उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है।
चीन की हर हरकत पर भारत की नजर
उच्चस्तरीय सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीनी आर्मी ने अरुणाचल प्रदेश के एसाफिला, तुतिंग ऐक्सिस, चांग त्जे और फिशटेल-2 सेक्टर की दूसरी ओर जवानों की तैनाती बढ़ाई है। जिस इलाके में चीन पीएलए की गतिविधियां बढ़ा रहा है, वह एलएसी के भारतीय इलाके से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है। चीन ने इस इलाके में सड़कों का निर्माण किया है और पिछले कुछ दिनों में ही अचानक वहां पीएलए की मूवमेंट काफी ज्यादा बढ़ गई है। इस इलाके में पीएलए की बढ़ी हुई गतिविधियों को देखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे सभी सेक्टरों में भारतीय सेना ने अपनी ताकत बढ़ाई है और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से चौकन्नी है। सूत्रों का कहना है कि पीएलए की पेट्रोल टीम को लगातार भारतीय सीमा के बेहद करीब तक आते देखा गया है।
डोकलाम में भारत से भिड़ चुका है चीन
2017 के जून में चीन ने डोकलाम पठार के इलाके में भी चालबाजी की कोशिश की थी और तब भी दोनों देशों के बीच 73 दिनों तक तनाव कायम रहा था। चीन भूटान की जमीन पर झांफिरी रिज तक रोड बना रहा था, जिससे भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर खतरा पैदा हो गया था। अरुणाचल प्रदेश से सटे इलाकों में चीन की हरकत जानने के बाद भारत के बड़े सुरक्षा अधिकारियों ने डोकलाम के आसपास के हालातों पर भी चर्चा की है। (पहली तीनों तस्वीरें सांकेतिक)
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पूर्वी लद्दाख में बार-बार मात खा रहा है चीन
चीन ने पहले 15 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प शुरू की, जिसमें भारत के एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए। अब यह खुलासा हुआ है कि उसमें भारतीय जवानों ने तीन गुने ज्यादायानी 60 चीनी सैनिकों को ढेर कर दिया था। बाद में पीएलए को उस इलाके से अपने तंबू उखाड़ने पड़ गए थे। फिर बीते 29-30 अगस्त को पैंगोंग लेक के दक्षिण किनारे में भी भारतीय सेना ने पीएलए की ओर से हो रही घुसपैठ की कोशिश को सख्ती से नाकाम कर दिया था। इस कार्रवाई में भारतीय सैनिकों ने सामरिक महत्त्व के इलाके की सभी महत्वपूर्ण चोटियों पर अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली। पीएलए ने बीते सोमवार को दोबारा से उन चोटियों पर अतिक्रमण की कोशिश की थी, लेकिन वे फिर बुरी तरह मात खा गए। इससे बौखलाकर उन्होंने एलएसी पर 45 वर्षों में पहली बार फायरिंग भी की। तब से वो इसी फिराक में हैं कि कैसे एलएसी पर किसी नए इलाके में यथास्थिति तोड़ने की कोशिश करें।
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