कालेधन पर पीयूष गोयल का बयान, मोदी सरकार में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 80 फीसदी घटा
नई दिल्ली। कालेधन के मुद्दे पर राज्यसभा में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद स्विस बैंकों में जमा हुई राशि में 2104 से 2017 के बीच 80 फीसदी तक की कमी आई है। उन्होंने बताया कि स्विस बैंकों से इस संबंध में लिखित जवाब मिला है। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने मीडिया में चल रही उन खबरों को भी झूठी और बेबुनियाद करार दिया जिसमें ये कहा गया था कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में करीब 50 फीसदी की इजाफा हुआ है। पीयूष गोयल ने कहा कि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है।
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'2017 में काले धन में 34.5 फीसदी की कमी आई'
राज्यसभा में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारतीय नागरिकों के लोन और डिपॉजिट में पिछले साल 34.5 फीसदी की गिरावट आई है। स्विस बैंक के डेटा के मुताबिक 2017 में काले धन में 34.5 फीसदी की कमी आई है। वहीं 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद से 2017 तक स्विस बैंक में भारतीयों की ओर से जमा राशि में 80 फीसदी कमी आई है।
भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी के इजाफे का दावा बेबुनियाद
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि बीआईएस के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 की तुलना में 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा पैसे में 34.5 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इस संबंध में हाल में आए आंकड़े जिसमें स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी के इजाफे का दावा बेबुनियाद करार देते हुए खारिज किया है। बता दें कि पिछले दिनों स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि स्विस बैंकों में भारतीयों का धन 50 फीसदी बढ़ गया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का मौका मिल गया।
राज्यसभा में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रखा सरकार का पक्ष
इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए इंडियन नेशनल लोक दल के सांसद राम कुमार कश्यर ने राज्यसभा में सवाल किया कि आखिर कार्रवाई के दावों के बावजूद स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में इजाफा कैसे हो गया। इसी का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने इस रिपोर्ट को बेबुनियाद करार देते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने स्विस नेशनल बैंक की रिपोर्ट पर कहा कि इनमें आंकड़ों की ठीक से व्याख्या नहीं गई। जिसके बाद स्विस बैंकों ने बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के साथ मिलकर आंकड़े तैयार किए।