RCEP समझौते पर बोले पीयूष गोयल- 'पीएम मोदी इंडिया फर्स्ट मानते हैं' इसलिए नहीं किया हस्ताक्षर
नई दिल्ली। क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते पर भारत के हस्ताक्षर न करने पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि भारत सरकार ने इसके पीछे का कारण देश के हितों के खिलाफ शर्तों को बताया है। मंगलवार को इस मामले पर केंद्रीय वणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक प्रेस कांफ्रेस में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने भी कहा कि भारत की सरकार हर फैसला देशहित और जनहित में ही लेती है, इसका उदाहरण हमने पिछले दिनों बैंकॉक में देखा।
पीयूष गोयल ने कहा कि, आरसीईपी में छोटे उद्योगों जैसे कृषि, डेयरी और फार्मा के हितों की बात नहीं कही गई थी और इससे भारत के छोटे उद्योगों को कोई लाभ नहीं होता इसलिए भारत सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया। इसके लिए पीयूष गोयल ने पीएम मोदी की तारीफ भी की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए सबसे पहले देश है किसी भी अंतरराष्ट्रीय संधि या समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले भारत के लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाती है।
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पीएम
मोदी
के
लिए
इंडिया
फर्स्ट
उन्होंने
आगे
कहा
कि,
भारत
ने
विश्वमंच
पर
कई
सालों
तक
अपनी
समस्याओं
के
बारे
में
बात
की।
ऐसी
कई
दिक्कतें
भारत
के
सामने
आई
जिनसे
उबरना
देश
के
लिए
बहुत
जरूरी
था।
भारत
को
गलत
तरीके
से
होने
वाले
आयात
से
मुक्ति
चाहिए
थी
वहीं,
उत्पादों
को
बेचने
के
लिए
भारत
को
बाजार
की
जरूरत
थी।
पीयूष
गोयल
ने
बताया
कि,
अंत
में
भारत
सरकार
की
कई
मांगे
मानी
भी
गई
लेकिन
इससे
भी
कोई
फायदा
नहीं
होता
दिख
रहा
है।
इन
सब
के
चलते
भारत
सरकार
ने
आरसीईपी
में
शामिल
न
होने
का
फैसला
किया,
पीएम
मोदी
देश
की
हितों
के
लिए
कुछ
भी
दांव
पर
लगाने
से
पीछे
नहीं
हटते।