RCEP मुद्दे पर पीयूष गोयल का सोनिया गांधी पर पलटवार, पूछे ये सवाल
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरसीईपी को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। सोनिया ने कहा, सरकार इसके माध्यम से पहले ही बुरी स्थिति का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है। सोनिया गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, सोनिया गांधी आरसीईपी और एफटीए पर अचानक जाग गई हैं। वो तब कहां थीं जब आरसीईपी देशों के साथ व्यापार घाटा 2004 में 7 बिलियन से बढ़कर 2014 तक 78 बिलियन डॉलर पहुंच गया था।
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में भारत इस साझेदारी के साथ जुड़ा था। रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपने कई सिलसिलेवार ट्वीटों के जरिये सोनिया गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश को गुमराह नहीं करें। उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी जी अचानक RCEP और FTAs पर जाग गई हैं। तब वे कहां थीं जब साल 2014 में RCEP देशों से व्यापार घाटा 7 बिलियन डॉलर से बढ़कर साल 2014 में 78 बिलियन डॉलर हो गया था?
गोयल ने सवाल पूछा कि उस समय सोनिया गांधी कहां थीं, जब साल 2011-12 में उनकी सरकार ने भारत को चीन के साथ आरसीईपी वार्ताओं के लिए मजबूर किया था? उस वक्त सोनिया गांधी कहां थीं, जब साल 2010 में आसियान देशों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किए गए थे? जब साल 2010 में दक्षिण कोरिया, साल 2011 में मलेशिया और जापान के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर हुए थे, उस समय सोनिया गांधी कहां थीं?
Union Minister Piyush Goyal: Sonia Gandhi ji has suddenly woken up to RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership) and FTAs (Free Trade Agreements). So, where was she when trade deficit with RCEP nations increased from Billion in 2004 to Billion in 2014? (1/5) pic.twitter.com/p6TGMdo2Z7
— ANI (@ANI) November 2, 2019
पीयूष गोयल ने यह भी पूछा कि सोनिया गांधी उस समय कहां थीं, जब उनकी सरकार ने आसियान देशों के लिए 74 फीसदी बाजार खोल दिया था, लेकिन इंडिनेशिया जैसे अमीर देशों ने भारत के लिए सिर्फ 50 फीसदी बाजार खोला था? केंद्रीय मंत्री ने सवाल दागा कि आखिर अमीर देशों को रियायत देने के खिलाफ सोनिया गांधी ने क्यों नहीं बोला? साल 2007 में जब यूपीए सरकार भारत और चीन एफटीए को लेकर सहमति हुई थी, तो सोनिया गांधी कहां थीं?
पीयूष गोयल ने यह भी कहा, मुझको उम्मीद है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अपने इस अपमान के खिलाफ बोलेंगे?' केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरसीईपी को लेकर साफ कर चुके हैं कि इसमें भारत के फायदे का सौदा होगा। हमारा मानना है कि व्यापार घाटा को कम करना हमारी चिंता है।
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