केरल: राहत शिविर में CM पर लोगों का फूटा गुस्सा, शिविर में सांप, खाने को खाना नहीं, पीने को पानी नहीं
नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पीनारयी विजयन ने गुरुवार को उन तमाम इलाको का दौरा किया जो बाढ़ प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री ने यहां उन लोगों से मुलाकात की जो बाढ़ की वजह से बेघर हो गए और किसी तरह से अपनी जान बचा पाए हैं। इन तमाम लोगों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है कि उन्हें राहत शिविर में पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है, यही नहीं लोगों ने मुख्यमंत्री पर इन राहत कैंपों में देर से आने का आरोप भी लगाया है।
गिनायी शिकायतें
विजयन ने तमाम राहत शिविरों का दौरा किया और लोगों को भरोसा दिलाया कि जिन लोगों ने अपना सबकुछ गंवा दिया है सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी और उनके जीवन को फिर से बसाने में पूरी तरह से उनकी सहायता करेगी। लेकिन तमाम राहत शिविरों में मुख्यमंत्री से लोगों ने तमाम शिकायतें की और उनके देर से यहां आने पर उनकी आलोचना भी की। कई लोगों ने इन राहत शिविरों में खाना के वितरण की समस्या, शौंच की व्यवस्था का अभाव, राहत शिविरों में सांप होने की शिकायत की है। यही नहीं लोगों ने मुख्यमंत्री से पीने का पानी तक इन राहत शिविरों में नहीं होने की शिकायत की है।
आए और चल दिए
मुख्यमंत्री
इन
तमाम
राहत
शिविरों
में
10-15
मिनट
तक
के
लिए
गए
और
दो
घंटे
बाद
प्रदेश
की
राजधानी
वापस
लौट
आए।
कुछ
समय
के
लिए
मुख्यमंत्री
जिस
तरह
से
इन
राहत
शिविरों
का
दौरा
किया,
लोगों
ने
जमकर
उनपर
भड़ास
निकाली
और
अपनी
शिकायत
की।
उत्तर
परवूर
के
राहत
शिविर
में
रह
रहीं
मीनाक्षी
अम्मा
ने
बताया
कि
मुख्यमंत्री
सिर्फ
परंपरा
निभाने
के
लिए
यहां
आए
थे,
वह
यहां
आए
और
चल
दिए,
हम
उन्हें
अपनी
समस्या
तक
नहीं
बता
पाए।
औपचारिकता निभाने आए थे सीएम
आपको
बता
दें
कि
मुख्यमंत्री
चेनगन्नूर,
कोजेंचरी,
अलपुज्जा,
उत्तर
परवूर,
चलाकुडी
स्थित
राहत
शिविरों
में
गए
थे।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
राहत
और
बचाव
का
काम
खत्म
हो
चुका
है,
लिहाजा
लोगों
को
फिर
से
स्थापित
किए
जाने
का
काम
तेजी
से
किया
जाएगा।
लेकिन
राहत
शिविरों
में
रह
रहे
तमाम
लोगों
ने
कहा
कि
मुख्यमंत्री
सिर्फ
औपचारिकता
के
लिए
यहां
आए
थे,
पुलिसकर्मियों
ने
उन्हें
अपनी
शिकायत
बताने
से
रोक
दिया
था।
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800 लोगों के लिए सिर्फ 4 शौचालय
राहत
शिविर
में
एक
महिला
ने
चिल्लाते
हुए
कहा
कि
राहत
शिविर
में
800
लोगों
के
लिए
सिर्फ
4
शौचालय
हैं,
जिसके
बाद
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
हम
और
बनवाएंगे।
इन
राहत
शिविरों
का
दौरा
करने
के
बाद
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
राहत
कैंप
में
रह
रहे
लोगों
की
देखभाल
की
जिम्मेदारी
सरकार
की
है,
हम
उन
लोगों
को
फिर
से
घर
बनवाने
में
मदद
करेंगे,
उनके
जीवन
को
फिर
स्थापित
करने
में
सहायता
करेंगे।
राहत
शिविरों
में
तमाम
संस्थाओं
को
लगाया
गया
है
कि
वह
यहां
लोगों
की
समस्याओं
का
निवारण
करें।
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