शाहरुख खान के साथ नजर आए टोनी अशाई ने दी सफाई, कहा-पाकिस्तान आर्मी और ISI से कोई नाता नहीं
नई दिल्ली। विवादित बिजनेसमैन टोनी अशाई और बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की तस्वीरों से बवाल मचा हुआ है। इस बीच अशाई ने उन खबरों से साफ इनकार कर दिया है जिसमें कहा गया था कि वह पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई के लिए काम करते हैं। आपको बता दें बीजेपी के उपाध्यक्ष बजयंत पांडा ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि बॉलीवुड के कुछ स्टार्स के रिश्ते पाकिस्तान आर्मी और इससे जुड़े उन एनआरआईज से हैं जो जम्मू कश्मीर में हिंसा को उकसाते रहते हैं।
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आरोपों को बताया बकवास
टोनी अशाई ने भारतीय चैनल से बात की और सफाई पेश की। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भी अपना बयान जारी किया है। टोनी ने कहा है, 'मेरी प्रतिक्रिया बस इतनी है कि यह सब बकवास है और मेरे खिलाफ आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैं एक आईएसआई एजेंट हूं।' उन्होंने यह बात स्वीकार की है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान उनके दोस्त हैं। अशाई का कहना है कि वह इमरान को पिछले 20 सालों से जानते हैं और तब वह पीएम नहीं बने थे। उन्होंने यह भी बताया है कि शाहरुख खान से उनके रिश्ते दुबई में फैले टोनी के कारोबार की वजह से हैं। उनके बीच कभी भी राजनीति पर कोई बात नहीं होती है।
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ISI से नहीं है कोई रिश्ता
टोनी ने ट्विटर पर भी बयान जारी किया। उन्होंने लिखा, 'यह मेरा बयान है और मैं यहां पर कहना चाहता हूं कि भारतीय मीडिया का एक वर्ग मुझ पर आईएसआई एजेंट होने, जेकेएलएफ का सदस्य होने और कश्मीर में हिंसा फैलाने का आरोप लगा रहा है। मैं पाकिस्तान आर्मी या आईएसआई के किसी सदस्य से अपने जीवन में नहीं मिला हूं और न ही किसी एजेंसी के लिए काम करता हूं।' बीजेपी के नेता बैजयंत पांडा ने शाहरुख के अलावा उनकी पत्नी गौरी पर भी अशाई के साथ बिजनेस रिलेशनशिप रखने का आरोप लगाया था। अशाई पर जम्मू कश्मीर के युवाओं को भड़काने और भारत-विरोधी बयान देने के आरोप लगते रहते हैं।
अशाई पर लगे गंभीर आरोप
एजेंसियों की मानें तो जम्मू और कश्मीर में होने वाली आतंकी गतिविधियों के लिए भी अशाई फंड मुहैया कराते हैं। अशाई ने शाहरुख खान को एक देशभक्त करार दिया। उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि शाहरुख को मेरे कश्मीर में सक्रिय होने की बातों के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी। मैं आपको यह भी बताना चाहूंगा कि मैं आज तक शाहरुख से ज्यादा बड़े और सच्चे भारतीय से कभी नहीं मिला हूं।' अशाई ने इन बातों से इनकार कर दिया है कि वह कश्मीर में हथियारों के साथ संघर्ष को आगे बढ़ाने की वकालत करते आए हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का सदस्य होने से भी इनकार कर दिया है। अशाई के मुताबिक उन्हें भारत का धर्मनिरपेक्ष चरित्र काफी भाता है।
पीएम मोदी के फैसले को बताया गैर-कानूनी
अशाई ने कहा, 'यह सच है कि मैं एक कश्मीरी हूं और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पांच अगस्त 2019 को लिए गए 'गैर-कानूनी' फैसले का विरोध करता हूं। लेकिन आज तक मैंने कभी भी कश्मीर में हिंसा की वकालत नहीं की है। बल्कि मेरी सोच बिल्कुल अलग है। मैं न तो भारत और न ही भारतीयों से कोई नफरत करता हूं। भारत की मीडिया ने मेरे चरित्र की हत्या करनी शुरू कर दी है।' उन्होंने कहा कि वह कोर्ट जाएंगे और अपना नाम साफ करेंगे। साथ ही उन जर्नलिस्ट्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है जिन्होंने बिना सुबूत उनके खिलाफ स्टोरी दिखाई हैं। अशाई के मुताबिक वह 90 के दशक में लॉस एंजिल्स चले गए थे और इसके बाद से कभी भारत नहीं आए हैं। ऐसे में जो भी बातें कहीं जा रही हैं वह पूरी तरह से बकवास हैं।